Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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बारसो
कल्प ॥ २८ ॥
HASHA
तस्स णं तओ नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-अम्मापिउसंतिए वदमाणे, सहसमुइआए समणे, अयले भयभेरवाणं परीसहोवसग्गाणं खंतिखमे पडिमाण पालगे : धीमं अरइरइसहे दविए वीरिअसंपन्ने देवेहिं से नाम कयं 'समणे भगवं महावीरे'
१०६॥ समणस्स णं भगवओ महावीरस्स पिआ कासवगुत्तेणं, तस्स णं तओ। नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-सिद्धत्थे इ वा, सिजंसे इ वा, जसंसे इ वा ॥ समण-3 स्स णं भगवओ महावीरस्स माया वासिट्ठी गुत्तेणं, तीसे तओ नामधिज्जा एवमाहिजंति, तंजहा-तिसला इवा, विदेहदिन्ना इवा, पिअकारिणी इ वा ॥ समणस्स णं भगवओs महावीरस्स पितिले सुपासे, जिट्टे भाया नंदिवडणे, भगिणी सुदंसणा, भारिया /
P जसोआ कोडिन्ना गुत्तेणं॥समणस्स णं भगवओ महावीरस्स धूआ कासवी गुत्तेणं, तीसे दो नामधिज्जा एक्माहिअंति, तंजहा-अणोजा इ वा, पियदसणा इ वा ॥ समणस्स णं
॥२८॥

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