Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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कल्प० । सुट्ठिय ५ सुप्पडिबुद्धे ६, रक्खिय ७ तह रोहगुत्ते ८ अ॥ १॥ इसिगुत्ते ९ सिरिगुत्ते । बारसो ॥५३॥ १०, गणी अ बंभे ११ गणी य तह सोमे १२। दस दो अ गणहरा खलु, एए सीसा ।
सुहत्थिस्स ॥२॥थेरेहिंतो णं अजरोहणेहिंतो णं कासवगुत्तेहिंतो णं तत्थ णं उद्देहगणे । नामं गणे निग्गए, तस्सिमाओ चत्तारि साहाओ निग्गयाओ, छच्च कुलाइं एवमाहिजंति । से किं तं साहाओ ? साहाओ एवमाहिज्जंति, तंजहा-उदुंबरिजिया १, मास-3 पूरिआ २, मइपत्तिया ३, पुणपत्तिया ४, से तं साहाओ, से किं तं कुलाई ? कुलाई
एवमाहिजंति, तंजहा-पढमं च नागभूयं, बिइयं पुण सोमभूइयं होइ । अह उल्लगच्छ है तइअं ३, चउत्थयं हत्थलिजं तु॥१॥पंचमगं नंदिजं ५, छटुं पुण पारिहासयं ६ होइ।। उद्देहगणस्सेए, छच्च कुला हुंति नायवा ॥२॥थेरेहिंतो णं सिरिगुत्तेहिंतो हारियसगुत्ते
१ पण्णपत्तिा (क० कि०, क• सु.)
CREASONSCARSXS
॥५३॥
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