Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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॥२३॥ वासावासं पज्जोसवियस्स विगिभत्तिअस्स भिक्खुस्स कप्पंति सवेवि गोअरकाला। गाहा० भ० पा० निक्खमि० पविसि० ॥२४॥वासावासं पज्जोसवियस्स निचभत्तियस्स। भिक्खुस्स कप्पंति सवाई पाणगाइं पडिगाहित्तए। वासावासं पजोसवियस्स चउत्थभत्ति-3 यस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-ओसेइम, संसेइमं, चाउ-31 लोदगं।वासावासं पजोसवियस्स छभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगा-3 है हित्तए, तंजहा-तिलोदगंवा,तुसोदगंवा, जवोदगंवा।वासावासं पज्जोसवियस्स अट्ठमभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पंति तओ पाणगाइं पडिगाहित्तए, तंजहा-आयामेवा, सोवीरे वा, सुद्धबियडे वा । वासावासं पज्जोयवियस्स विगिभत्तियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं असित्थे नोविय णं ससित्थे । वासावासं पजोसवियस्स भत्तपडियाइक्खियस्स भिक्खुस्स कप्पइ एगे उसिणवियडे पडिगाहित्तए, सेविय णं

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