Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami, 
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 130
________________ कल्प. 4-9-26-199% ॥३७॥ तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिद्वित्तए १, बारसो तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स दुण्हं निग्गंथीणं एगयओ चिद्वित्तए २, तत्थ नो कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं एगाए य निग्गंथीए एगयओ चिट्ठित्तए ३, तत्थ नो । कप्पइ दुण्हं निग्गंथाणं दुण्हं निग्गंथीण य एगयओ चिंद्वित्तए । अत्थि य इत्थ केइ । पंचमे खुड्डए वा खुड्डिया इ वा अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे एव ण्हं कप्पइ एगयओ. चिट्ठित्तए ॥३८॥वासावासं पजोसवियस्स निग्गंथस्स गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए । अणुपविट्ठस्स निगिज्झिय २ वुट्टिकाए निवइजा, कप्पइ से अहे आरामंसि वा अहे । उवस्सयंसि वा उवागच्छित्तए, तत्थ नो कप्पइ एगस्स निग्गंथस्स एगाए य अगारीए । एगयओ चिद्वित्तए, एवं चउभंगी। अत्थि णं इत्थ केइ पंचमए थेरे वा थेरिया वा|| अन्नेसिं वा संलोए सपडिदुवारे, एवं कप्पइ एगयओ चिट्ठित्तए । एवं चेव निग्गंथीए ।

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