Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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१६३॥ पासस्स० सुनंदापामुक्खाणं समणोवासियाणं तिणि सयसाहस्सीओ सत्तावीस च सहस्सा उक्कोसिआ समणोवासियाणं संपया हुत्था ॥ १६४ ॥ पासस्स० अट्ठसया ||
चउद्दसपुवीणं अजिणाणं जिणसंकासाणं सवक्खर-जाव-चउद्दसपुवीणं संपया हुत्था । 15/॥ १६५॥ पासस्स गं० चउद्दससया ओहिनाणीणं, दससया केवलनाणीणं, इक्कारससया |
वेउधियाणं, छस्सया रिउमईणं, दससमणसया सिद्धा, वीसं अजियासया सिद्धा, अट्ठमसया विउलमईणं, छसया वाईणं, बारससया अणुत्तरोववाइयाणं ॥ १६६ ॥ पासस्स णं अरहओ पुरिसादाणीयस्स दुविहा अंतगडभूमी हुत्था, तंजहा-जुगंतगडभूमी, परियायंतगडभूमी य, जाव चउत्थाओ पुरिसजुगाओ जुगंतगडभूमी, तिवा-3 सपरिआए अंतमकासी ॥ १६७॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं पासे अरहा पुरिसा-12 दाणीए तीसं वासाइं अगारवासमझे वसित्ता, तेसीइं राइंदिआइं छउमत्थपरिआयं
ERRERRASSASISAK

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