Book Title: Kalpsutram
Author(s): Bhadrabahuswami,
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
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इमे अज्जत्ताए समणा निग्गंथा विहरंति, एए णं सवे अन्जसुहम्मस्स अणगारस्स आवचिजा, अवसेसा गणहरा निरवच्चा वुच्छिन्ना ॥४॥ समणे भगवं महावीरे कासवगुत्ते णं.।। समणस्सणं भगवओ महावीरस्स कासवगुत्तस्स अज्जसुहम्मे थेरे अंतेवासी अग्गिवेसायणगुत्ते १, थेरस्स णं अजसुहम्मस्स अग्गिवेसायणगुत्तस्स अजजंबुनामे थेरे अंतेवासी है कासवगुत्तेणं २, थेरस्सणं अजजंबुणामस्स कासवगुत्तस्स अजप्पभवेथेरे अंतेवासी कच्चायणसगुत्ते ३, थेरस्स णं अजप्पभवस्स कच्चायणसगुत्तस्स अजसिजंभवे थेरे अंतेवासी मणगपिया वच्छसगुत्ते ४, थेरस्स णं अजसिजंभवस्स मणगपिउणो वच्छसगुत्तस्स अज्ज-2 जसभद्दे थेरे अंतेवासी तुंगियायणसगुत्ते ॥५॥ संखित्तवायणाए अजजसभद्दाओ अग्गओ एवं थेरावली भणिया, तंजहा-थेरस्स णं अज्जजसभहस्स तुंगियायणसगुत्तस्स अंतेवासी दुवे थेरा-थेरे अजसंभूअविजए माढरसगुत्ते, थेरे अजभद्दबाहू पाईणसगुत्ते, थेरस्स णं
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