Book Title: Kalpasutra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Amar Jain Agam Shodh Samsthan
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२८०. आवश्यक मलय० प० २८५
२८१ (क) आवश्यक नियुक्ति० गा० ४६२ (ख) त्रिषष्टि० १०१४१६८-१२८
२८२. भगवती श० १५ तृतीय खण्ड० पृ० ३७४ २८३. आवश्यक पूर्णि, प्रथम भाग पत्र २६६
२८४ (क) आवश्यक मलयगिरि वृत्ति १० २८७।१ (ख) भगवती शतक १५, ० भा० पृ० ३७५ (ग) महावीर चरियं० प्र० ६ ० २२३ - २२४ (घ) त्रिपष्टि० १०१४११३४- १३७
२८५ (क) आवश्यक नियुक्ति० गा० २०७ (ख) आवश्यक मल० १० २८७
(ग) महावीर चरियं० प्र० ७ १० २२४११ (घ) त्रिपष्टि० १०:४११३८
२०६ (क) आवश्यक नियुक्ति० गा० ४९४ (ख) आवश्यक मलय० वृ० प० २८७ (ग) महावीर चरियं० प्र० ७ १० २२४ (घ) त्रिषष्टि० १०|४|१११-१४२ २८०७ (क) आवश्यक नियुक्ति० गा० ४९५ (ख) त्रिषष्टि० १०।४।१४३ से १४७ २८८ आवश्यक नियुक्ति० गा० ४६५ २८१ आवश्यक नियुक्ति० गा० ४६६
२६०. आवश्यक मलय० वृ० प० २८८
२६१. आवश्यक नियुक्ति० गा० ४९७
२९२ (क) सक्को व देवराया सहागओ भई हरिसिओ वयणं । तिन्निवि लोगsममत्था जिणवीरमिगं चलेउ जे ॥ (ख) त्रिषष्टि० १०/४११६४-१७५
(ग) महावीर परियं प्र० ७ ०१-४१० २२७ (घ) कल्प समर्थनं, उपसर्गा, गा०५, पृ० २८ २९३ (क) आवश्यक नियुक्ति गा० ४६६ से ५०१ (ख) महावीर चरियं प्र० ७ १० २२७ २९४. धूलो पिबीलियाओ उद्दसा चैव तह व विन्दुज नउला सप्पा व भूसया देव
उन्होला । अदुभया ||
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- आवश्यक नियुक्ति० गा० ४९८

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