Book Title: Kalpasutra
Author(s): Devendramuni
Publisher: Amar Jain Agam Shodh Samsthan

View full book text
Previous | Next

Page 451
________________ (ग) अवंतीजणवए तुम्बवणसन्निवेसे घर्णागिरी नाम इब्भपुत्तो । - आवश्यक मलय० टी० द्वि० भा० प० ३८७-१ (घ) तु बवणसन्निवेसे अवंतीविसयंमि धणगिरि नाम इन्भसुओ असि नियंगचंगिमाविजियसुररुथो । - उवएसमाला सटीक, ११०, पत्र २०७ १२३. (क) उपदेशमाला सटीक, गाथा ११०, पत्र २०७ ( ख ) ऋषिमंडल प्रकरण गा० २ पत्र १६१-१ (ग) त्रिपष्टि० परिशिष्ट पर्व, द्वादश सगं श्लोक ४, पृ० २७० १०४ (क) वज्रादप्यधिकं भारं शिशोरालोक्य सूरय. । जगत्प्रसिद्धां श्री वज्र इत्याख्यां ददुरुन्मुदः । - ऋषिमंडल प्रकरण, श्लोक ३४ पृ० १६३।१ (ख) सोत्रिय भूमिपत्तो जा जाओ तत्वसूरिणा भणियं । अम्बो कि बइरमिमं जं भारियं भावमुव्वहइ ॥ (ग) तद्भारभंगुर करो, गुरुरूचे सविस्मयः १०५ भरतेश्वर बाहुबलि वृत्ति: प० ७३ १०६. (क) आवश्यक नियुक्ति ३६३ - ३७७ अहो पु रूपभूद्वयमिदं धतु ं न शक्यते । - परिशिष्ट पर्व, सगं १२, श्लो० ५२ पृ० २७४ (घ) भरतेश्वर बाहुबलि वृत्ति, पृ० ६६, शुभशोलगणि ( ख विशेषावश्यक भाष्य २२८४ - २२६५ १०७. (क) आवश्यक नियुक्ति ७६२ (ख) विशेषावश्यक भाप्य २२७९ ५३ १११. ( क ) नन्दी सूत्र, हारिभद्रीय टीका मलयगिरि वृत्ति १०८. नन्दी चूर्णि पृ० ८ १०६ वीर निर्वाण संवत् और जैन कालगणना -- कल्याणविजय पृ० १०४ ११०. जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे इमीसे ओसप्पिणीए ममं एग बाससहस्सं पुम्बगए अणुसज्जिस्सइ । - भगवती सूत्र २०१६।६७७ (ख) - उपदेश माला, सटीक पत्र २०६ " (ग) नन्दी सूत्र, चूर्णि जिनदास गणी महतर

Loading...

Page Navigation
1 ... 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474