Book Title: Kalpasutra Author(s): Devendramuni Publisher: Amar Jain Agam Shodh Samsthan View full book textPage 472
________________ पृष्ठ १७७ ___ अशुख नहीं SA १६२ २५४ २६५ २६७ नहीं जोव इहलाक का श्रद्धा ज्योतिर्मर्यः वयावृत्य करण वलिवत्व भगवान को भोगे वाल ससार श्रेयक रतन भद्रयशा रहते जीव इहलोक को श्रदा से ज्योतिर्मय: वैयावृत्य वरण क्लीबत्व भगवान की भीगे वाले संसार श्रेयस्क रत्न भद्रयश २८३ २६३ २६४ २६६ रहते Ymr ar तीर तीन तिव्वदोसीयं तिव्वदेसीयंPage Navigation
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