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जिनराजरि-कृति-कुसुमांजलि
भार मूई दसमास रे कान्हइया लाल || रोतउ मइ राख्यउ नही कान्हइया,
पालगडइ पोढाडि रे कान्हइयालाल । हालरीयइ
देवा तरणी कान्हइया,
___ मो मन रहिय रूहाडि रे कान्हइया लाल ॥१०॥है. देखी आमण दू मणा कान्हइया,
हियड़ा प्रागलि चाँपिरे कान्हइया लाल । फाल्हे वाल्हे नान्हडउ. कान्हइया,
मइ न मनायउ प्रांप रे कान्हइया लाल ||११||हुँ। प्राइउ माडि न दुहवी कान्हइया,
मुझ नइ माहरइ पेट रे कान्हइया लोल । गांमो हासइ मिसइ कान्हइया,
मइ कईयइ न पपेट रे कान्हइया लाल ॥१२॥हुँ० प्रागण न करावी थड़ी कान्हइया, .
___ आँगुलियइ वलगाइ रे कान्हइया लाल । पंग मांड्या लाया नहीं कान्हइया,
__ ते जामिणं न कहाइ रे कान्हइया लाल ||१३||हुँ। साही साही सांभली कान्हइया,
वेऊ बांह पसारि रे कान्हइयालाल । जायउ दोडि मिल्यउ नही कान्हइया,
ते दोभागिणि नारि रे कान्हइया लाल ॥१४॥हुँ. हाऊ वइठउ बारगइ* कान्हइया,
मागलि मा मत जाइ रे कान्हइया लाल । कहथउ कोनइx कीकीयउ,
हूंस रही मन मॉहि रे कान्हइया लोल ॥१५॥हुँ० रोवाडयउ किणहो किमइ कान्हइया,
मइ सतोषण काज रे कान्हइया लाल । *विहा xफो नहीं किये, के नही को कियो