Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner
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शब्दकोश
पाथरी
१८४
पांघरसी पनिहिया पारथिया
थ
पोलणडइ
वडा
पालव
पावडिए पिंड पुग्गल पुरिमादानी
९४, १३८ विछाइ
२२० नष्ट हुई फीटो १४३ नष्ट होना
उड जाना २२५ पगरखियो फेडे १८१ दूर करू २७ प्रार्थना फोफलपान २२५ पान सुपारी
करने वाले १८० पालने मे १४८, १५३ पल्ला
१४७ पकोडी छोर वडाला १२६ महान १४२, २०२ पगथिए बलगाइ (अ गु १८० अगुली २१० शरीर
लिए) पकड कर ५५ पुद्गल
चलाना २४४ पुरुपो मे बलिया १७५ वलय,चूडिया प्रधान वहुअर
१३२ वहू २९ पति होते वाझडी १४७, १५१ वन्ध्या १३५ (आसन) बाझणि ६९ बन्ध्या
जमाकर बाथि १५१ वाह २११ प्रेक्ष्य बापूकारया १५० ललकारने १५६ प्रवेश करने १८० सुला कर बार १५६ वार १६४ प्रहर वारणइ १६६, १८१ द्वार १५६ द्वारपल २३१ पौषधशाला बारमि ५७ बारहवा १२५ प्रयुक्त कर बारि १८४ द्वार पर
बालूडा २२५ वालक १३४ परोसे बावलि १७१ एक काटे
दार वृक्ष २२६ कोठकी चकरी, बावीस ५५ बाईस
खिलौनो बाहर १३७ सहाय
पूजतइ पूरी (आसन)
पेखि
पर
पैमण पोढ डि पोरमि पोलिये पोसालइ प्रजूजने प्रोशुक प्रीस
१७८
पुत्र
फिरकडी

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