Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 321
________________ वीडो भ५८ जिनराजसरि छत कुसुमांजलि वि ति ५५ दो तीन भले २२७ अक्षर विमणा १६५, १८४ दुगुणित (स्वर व्यजन) विमणो १४० दुगुना माख्यउ १७० कहा वीज १५४ विजली भागइ ५६ भाग मे वीजा वसु १२ परवश - भाडउ १६४ शुल्क,किराया १२१ जिम्मा भामणड १८१ बलयओं से लेना नामणि १४३ भामिनी बीहामणउ २२ भयानक मामड ५७ कहते है दुगचइ १०३ वस्त्र रखने मिलिजे २.७ मिलना जुलना __ का अलकृत भुई ७३ भूमि वेष्टन भूय १५२ भूमि बून १ ३८, २३७ भूजाल २३८ वडी भुजालो वरसा वाला वीर वृष्टि हुई भेदाणी १७० व वन वाहिर १९४ न चिल्लाह भय ५४ भेद न सहायता भेव १२६ भेद १२३, १६९ चली भोलवी २१९ भुलाई ४८, १४५ विकल्प वेडली ७३ नोका मत ९४ मत्र १९२१ १९६ दाना मइ ५७ मैं देसाणी १२२ वैगकर मउह २३१ मुकुट मउडर ७४ विलम्ब से भभेरयो १३५ झकझोरना मउमाल १६२ ननिहाल भणी १२२, २११ लिए मग . ५१ मणि प्रति मछराल १६३ गुमानी,जोरावर भनीनइ २२९ भ्रमण कर मछराला १२९ गुमानी भयणा मजीठो १४३ मजीठ का रंग मलावद २४४ सौंपते हैं मल्हपतउ २२७ मस्ती से चलना नवण १८ भवन गजगति चाल व्ही देखास देवे

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