Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 334
________________ पंक्ति वह पृष्ठ १८९ १६० १६१ १६१ १६३ १६४ १६४ १६७ १६७ १६६ २०२ 20५.yur थास्य दस उगला पहँचावसी ऊबरया निरतिचार सापत उ पिण मां अशुद्ध बह वास्य दसड गला पहचावासी ऊबरीय निरा तिचारी सापोतउ पिरणाम वो सयम पोरजन पडिथइ धरणा सररू सोमाप रिछडतइ संयम परिजन पड़ियह घणा ૨૦૨ सारू २०४ २०४ २०५ २०७ २०८ सोमा विछड़तइ 22299 Va २१२ २१२ अभ्य गन उत्कंठा घरणो घणु घराउ २१ ७ सव' २१३ २१३ २१५ । २१७ प्रम्यगन उतकठा धरणी घणु घराउ सय पहसरण गच्च चितुष्पदिका , इलोक मझ सघ भकुड १. २१७ २१ १९८५ २१८८ पइसण गच्छ चतुष्पदिका श्लोक मुझ संघ कमुक

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