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वह
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थास्य दस उगला पहँचावसी ऊबरया निरतिचार सापत उ पिण मां
अशुद्ध बह वास्य दसड गला पहचावासी ऊबरीय निरा तिचारी सापोतउ पिरणाम वो सयम पोरजन पडिथइ धरणा सररू सोमाप रिछडतइ
संयम परिजन पड़ियह घणा
૨૦૨
सारू
२०४ २०४ २०५ २०७ २०८
सोमा विछड़तइ
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२१२
२१२
अभ्य गन उत्कंठा घरणो घणु घराउ
२१
७
सव'
२१३ २१३
२१५ । २१७
प्रम्यगन उतकठा धरणी घणु घराउ सय पहसरण गच्च चितुष्पदिका , इलोक मझ सघ भकुड
१.
२१७ २१ १९८५ २१८८
पइसण गच्छ चतुष्पदिका श्लोक मुझ संघ कमुक