Book Title: Jinrajsuri Krut Kusumanjali
Author(s): Agarchand Nahta
Publisher: Sadul Rajasthani Research Institute Bikaner

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Page 308
________________ अउल्हाइ अउले अंगोवग अदोह १८१ खेद अ ५६ अगोपाग अच्छक अछता अछेप राजस्थानी शब्द कोश भावार्थ अउहटइ ३८८९ दूर हटना अकीर्ति अकिती ५६ अखियात १४७ आख्यात यश अखी २४० अक्षय अगुरु लहु ५६ अजोगी अटकाणउ अमटठ् तप अड अडवन अडोली १३४ उत्सुक ३८,३९ अनहोने ६ अस्पृष्ट अज्जवसाण ५६ अध्यवसाय, ४९ सकुचित होना १२६ तरल, अवलेह अढलक अण भरण पुव्वि अगुरु लघु पर्याय परिणाम विशेष ५४ अयोगी १६५ अटक गया १५२ तेला, तीन ५४ ५६ उपवास आठ अठावन १३४ आभरण हीन १२३ ५५ अखूट बिना ५४,५५ अनुपूर्वसे अणुहार अत्थ अथिर अपमत्त अनइ अनियट अनिवड अनेथि अनेरडउ अपजत अपत्थिय अणवीह अवीह अमलीमाण अमामो अयाण अरइ अरणि १८५ अनुकार १७२ अर्थ ५६ अस्थिर ५४ अप्रमत्त ५५ और ५४ अनिवृत्ति १९६, २००, २०३ १५५ अन्यत्र २४४ दूसरा १२१ अमूल्य २२९ अज्ञान ५६ अरति १९१ जगली अरियण १९० अरिजन, शत्रु अलजयउ अलवेसर ५५ अपर्याप्त २१५ अप्रार्थित २२९ निर्भय १७४ निर्भय ७४, १४५ अगजित ७६,७८,७९, १२८, १६२, लअवइ १६१ १६३ क्रीडा मात्रसे सहज विनोद लीला लहरसे अलवि १, ५, ९, ४५, ५०, ७४, १३५,१४०, १४८, १६३ १७२, १९१, १९२ २८ प्रभु, प्रियतम ऐश्वर्यशाली

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