Book Title: Jambudwip Pragnapti Sutra
Author(s): Nemichand Banthiya, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sudharm Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 435
________________ ४१८ ४१८..... जम्बूद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र ____ जया णं भंते! चंदे अब्भंतराणंतरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ जाव केवइयं खेत्तं गच्छइ? गोयमा! पंच जोयणसहस्साई सत्तत्तरिं च जोयणाई छत्तीसं च चोयत्तरे भागसए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं सहस्सेहिं जाव छेत्ता। जया णं भंते! चंदे अब्भंतरतच्चं मण्डल उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहुत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ? गोयमा! पंच जोयणसहस्साई असीइं च जोयणाइं तेरस य भागसहस्साई तिण्णि य एगूणवीसे भागसूए गच्छइ मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता इति। . एवं खलु एएणं उवाएणं णिक्खममाणे चंदे तयाणंतराओ जाव संकममाणे २ तिण्णि २ जोयणाई छण्णउई च पंचावण्णे भागसए एगमेगे मण्डले मुहत्तगई अभिवड्डेमाणे २ सव्वबाहिरं मण्डलं उवसंकमित्ता चारं चरइ।। जया णं भंते! चंदे सव्वबाहिरं मंडलं उवसंकमित्ता चारं चरइ तया णं एगमेगेणं मुहत्तेणं केवइयं खेत्तं गच्छइ? ___ गोयमा! पंच जोयणसहस्साइं एगं च पणवीसं जोयणसयं अउणत्तरं च णउए भागसए गच्छइ मंडलं तेरसहिं भागसहस्सेहिं सत्तहि य जाव छेत्ता इति। तया णं इहगयस्स मणूसस्स एक्कतीसाए जोयणसहस्सेहिं अट्ठहि य एगत्तीसेहि जोयणसएहिं चंदे चक्खुप्फासं हव्वमागच्छइ। जया णं भंते! बाहिराणंतरं पुच्छा? गोयमा! पंच जोयणसहस्साई एक्कं च एक्कवीसं जोयणसयं एक्कारस य सट्टे भागसहस्से गच्छद मण्डलं तेरसहिं जाव छेत्ता। जया णं भंते! बाहिरतच्वं पुच्छा? . . गोयमा! पंच जोयणसहस्साइं एगं च अट्ठारसुत्तरं जोयणसयं चोइस य पंचुत्तरे भागसए गच्छइ मंडलं तेरसहिं सहस्सेहिं सत्तहिं पणवीसेहिं सएहिं छेत्ता। Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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