Book Title: Jaipur aur Nagpur ke Jain Granth Bhandar
Author(s): Premchand Jain
Publisher: University of Rajasthan

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Page 49
________________ Jatti Yashoda Nandji Temple Granth Bhandar... Date of the copy Subject Scribal remarks: No — Phalgun Sudi 1, V. S. 1581.... --YOGA संवत् १५८१ वर्ष फागुण सुदी १ बुधवार दिने । अथ श्री मूलसंघे वलात्कारगणे सरस्वतीगच्छे श्री कुन्दकुन्दाचार्यान्वये भट्टारक श्री पद्मनंदीदेवा तत्पट्टे भ० श्री शुभचन्द्रदेवा तत्पट्टे जितेन्द्रिय भट्टारक श्री जिनचन्द्र देवा तत्पट्टे सकल विधा निधानस्वाध्यायध्यानतत्परसकलमुनिजन मध्यलब्धप्रतिष्ठा भट्टारक श्री प्रभाचन्द्र देवा श्रावेर गणस्थानत् । कूरमवंशे महाराजाधिराज पृथ्वीराजराज्ये खण्डेलवालान्वये समस्त गोठी पंचायतशास्त्रं ज्ञानाराव लिखापितं त्रेपन कियावतं निवंतबाई धनाइयोग घटापितं कम्मंक्षयनिमित्तं । Author: Size: Extent : PANCHATANTRA -PT VISHNU SHARMA - 10 " x 43" --54 to 198 Folios [ 35 Date of the copy. Scribal Note.. Description Country paper, rough and whitish ; Devanagari characters in clear and fair hand-writing; borders ruled in three lines; all the four edges ruled in two lines; the condition of the manuscript on the whole is fair; it is an incomplete work written in Sanskrit. -V. S. 1832 Ref No. 194 प्रन्द्र सुरद्वारा: संघोषित पुरोहित भागीर, पल्लीवाल ब्राह्मण ने सवाई जयनगर ( जयपुर ) में पृथ्वी जी के शासनकाल में प्रतितिषि की पी। इस प्रतिका जीर्णोद्धार सं० १९५५ चुटी में हुआ ।

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