Book Title: Jain Tattva Darshan Part 05
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 45
________________ *एक बार चिंटु अपनी मम्मी-पापा के साथ होटल गया। टमाटर के जूस का ओर्डर दिया। तीन ग्लास जू आया। चिंटू को सोगन (कसम) थी होटल का खाने की तो भी मम्मी ने मारकर पीने को कहा उसने जैसे ही ग्लास हाथ में लेकर अंगूली से अंदर टमाटर का टुकड़ा लेने गया और हाथ में सीधा टमाटर के स्थान पर मुर्गी के मांस का टुकड़ा हाथ में आया। होटल वाले को बुलाया तब सब मालूम पड़ा कि बहार से वे जैन शुद्ध शाकाहारी बोलते हैं। लेकिन अंदर सब मिश्र होता है। अत: त्याग करना चाहिए। C. भोजन करते समय उपयोगी सूचना : 1. हाथ धोकर, सभी वस्तु लेकर बैठना । 2. दही - छांस के तपेले ढंककर दाल वगैरह से अलग रखे । 3. कुत्ते-बिल्ली - कौआ एवं भिखारी वगैरह की दृष्टि (नजर) न पड़े वैसे बैठना । 4. खाने के पूर्व साधू भगवंत, साधर्मिक भाई, गाय वगैरह को देकर भोजन करे । 5. खाने की चीजों की अनुमोदना या निंदा नहीं करना । 6. खाते-खाते झूठे मुँह से बोलना नहीं एवं पुस्तक वगैरह को स्पर्श न करे । 7. दोनों हाथ को झूठा न करे एवं झूठा हाथ तपेली या घड़े में न डाले । 8. खुले स्थान में, खड़े-खड़े, टी.वी. देखते-देखते, चलते-चलते, सोते-सोते भोजन नहीं करना। 9. खाते समय एक भी दाना नीचे न गिरे, इसका ध्यान रखे, गिरे तो तुरन्त ही उठा ले । क्योंकि किडी वगैरह आने की संभावना होती है एवं अन्न देवता होने के कारण कचरे डब्बे में भी नहीं डाल सकते। 10. खाने के पूर्व नवकार गिनकर खाये ताकि खाया हुआ कभी अजीर्ण, रोग, पेट दर्द वगैरह रोगों को उत्पन्न न होने दे। 11. कुर्सी पर बैठकर न खाये, अति गरम, अति ठंडा भी न खाये, जूते पहनकर न खाये । 12. भोजन स्वादिष्ट हो या फीका हो तो भी मर्यादित ही करना चाहिए । 13. भोजन के पूर्व जांच कर ले कि परमात्मा की आज्ञा विरूद्ध (अभक्ष्य - अनंतकाय) तो नहीं है । 14. एम.सी. वालों के हाथों का भोजन न करें। 15. क्रोध से, रोते-रोते, अपसेट माइंड से, चिंतातुर होकर न खाये । 16. खाने के बाद तुरन्त पानी नहीं पीना, सोना नहीं, भारी कामकाज (हार्डवर्क) नहीं करना । 17. बार-बार खाना न पड़े इस प्रकार ज्यादा से ज्यादा तीन बार पेट भरकर ही खाये । 18. फास्ट फुड नहीं खाना, थाली धोकर पीना, पोंछकर रखना । 19. कच्चे दही, छास को अलग से द्विदल न हो उसका ध्यान रखकर खाये । 20. भोजन करने के बाद भोजन बच जाये तो तुरन्त ही उसका उपयोग (गाय - गरीब को देकर) करले । वासी न रखे। बर्तन झूठे 48 मिनिट से ज्यादा देर तक न रखें। 43

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