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_. सुएझ नहर और पृथ्वी की गोलाई आपको जानकर आश्चर्य होगा कि भूमध्यसागर एवं लाल सागर को जोड़ने वाली 100 मील लम्बी सुएझ नहर ब्रिटेन में होते हुए ब्रिटीश इंजीनियरों द्वारा न बनाई जाने पर फ्रेंच इंजीनियरों द्वारा बनाई गयी है। इसके पीछे के कारण गुजरात समाचार दैनिक दि.9.1.1959 में छपे थे जिसका सार नीचे लिखे अनुसार है:
1855 में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री लॉर्ड पालमर्स्ट ने अपने देश के प्रमुख सिविल इंजीनियर से पूछा था कि सुएझ नहर बनाने का कार्य ब्रिटीश इंजीनियर क्यों नहीं कर रहे हैं? इससे ब्रिटेन की इज्जत कम हो रही है।
___ ब्रिटेन के चीफ सिविल इंजीनियर ने प्रधानमंत्री के समक्ष स्पष्ट किया कि हमारे इंजीनियरों का मानना है कि फ्रांस के इंजीनियरों की योजना निष्फल जायेगी क्योंकि 100 किलोमीटर की लम्बाई में पृथ्वी की गोलाई 633 फुट होने के कारण नहर के तटबंध में दरारें आ जायेंगी और फ्रांसिसी इंजीनियरों की इज्जत में धब्बा लगेगा। (देखिये इन्सेट में)
परन्तु समस्त जगत जानता है कि सुएझ नहर बनी और हजारों जहाजों का आवागमन हो रहा है। फ्रांस के इंजीनियर द लेसेप्से ने अपने दो साथियों लीनतबे और मुगमबे को स्पष्ट शब्दों में कहा