Book Title: Jain Tattva Darshan Part 05
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 81
________________ जाएगा। बाद में दूरी और बढ़ जाने से सिर्फ मस्तूल (टोच) दिखाई देगा और अंत में दूरी बहुत ज्यादा हो जाने पर जहाज पृथ्वी की गोलाई की आड में आ जाने से दिखाई देना बंद हो जाएगा। पृथ्वी गोल होने के अनेक प्रमाणों में से यह एक ही प्रयोग ऐसा है कि जिसका हम समुद्र किनारे पर जा करके टेलीस्कोप से परीक्षण कर सकते हैं। उपर दिये गये चित्र में हम देखते हैं कि इनसेट में एक बिन्दू जैसे दिखने वाले जहाज की सिर्फ चिमनी दिखाई देती है जबकि दूरबीन से देखने पर पूरा स्टीमर दिखाई देता है। इसका अर्थ यह है कि पृथ्वी समतल है (एवं हमारी आँख की देखने की निश्चित क्षमता के कारण दूरस्थ जहाज बिन्दु जैसा सिर्फ मस्तूल के रूप में दिखाई देता है) तथा पानी समतल रहता है। पृथ्वी में गोलाई नहीं है अत: पृथ्वी गोल गेन्द जैसी नहीं है। इसका प्रयोग तो एक बालक भी कर सकता है। B. एफिल टॉवर वैज्ञानिकों के अंतिम संशोधन अनुसार विश्व एफीलटावर जैसा है। दि. 25-5-04 के इकोनोमिक टाईम्स में रिपोर्ट है कि 27 मार्च को बर्लीन की युनीवर्सिटी यु.एल.एम. के भौतिक शास्त्रियों ने जाहिर किया कि विश्व एफील टावर के समान है। भूगोलखगोल के अन्य साइन्टिस्टों ने भी इस मत का समर्थन किया है। विश्व-विख्यात वैज्ञानिक अल्बर्ट आइन्स्टाइन का जन्म जिस शहर में हुआ उसी शहर की युनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने एक मॉडल प्रस्तुत किया, जो कि विश्व के मूल ढाँचे (आकार) से करीबन मिलता-जुलता है। इसके पूर्व विज्ञान-खगोल-भूगोल द्वारा जो मॉडल बताए गए थे, वे अत्यंत कपटपूर्वक विश्व के समक्ष पेश किये गये थे। भौतिक विद्वानों की कमिटी के चीफ प्रो. फ्रेन्कस्टेइनर को प्रश्न किया गया कि आपके इस संशोधन के सम्बन्ध में इन्टरनेट का क्या अभिप्राय/आशय है। जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे इस संशोधन को सकारात्मक समर्थन मिला है। पहले जो मॉडल पेश किये गये थे उनमें से फुटबाल जैसे मॉडल के प्रति अनेक भौतिक विदो ने मतभेद प्रगट किये हैं।

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