Book Title: Jain Tattva Darshan Part 05
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 84
________________ मि.जेड) नामक इंजिनियरों द्वारा 2000 किलोमीटर लम्बी, 23 फुट चौडी तथा 40 फुट उंची यह दीवार उस समय किस प्रकार बनाई गई होगी यह एक आश्चर्य की बात है। आज के इंजिनियर इसकी कल्पना तक नहीं कर सकते। इतनी लम्बी दिवार पृथ्वी को सपाट मान कर बनाई गई है ना कि गोल मानकर । इसी कारण यह बन सकी। यदि ब्रिटीश इंजिनियर की तरह पृथ्वी को गोल मानते तो ये चीन की दीवार कभी भी ना बन पाती! चीन की यह दीवार पृथ्वी, गोल नहीं है, इस मुद्दे को सत्य ठहराने वाला ठोस प्रमाण है। E. स्लेज गाड़ी द्वारा विशाल पृथ्वी की यात्रा दिए गये चित्र को ध्यान से देखें। बर्फ के पहाड़ों के मध्य स्लेज गाड़ी द्वारा यात्रा की जा रही है। ई. सन् 1938 में कैप्टन जे. रास ने कैप्टन द' फ्रेशियर के साथ दक्षिणी महासागर में दक्षिणी ध्रुव प्रदेश मे 30° अक्षांश पर बर्फ के पहाड़ों पर स्लेज गाड़ी से यात्रा प्रारंभ की। वहाँ उन्होंने आवश्यक सामान लेकर, अन्य सामग्री छोड़ते हुए 450 से 1000 फुट ऊँची बर्फ की दिवाल पर अपनी यात्रा की। उन्होंने एक ही दिशा में चालीस हजार मील की यात्रा की चार वर्ष तक लगातार कठिन परिश्रम, नवीन खोज की महत्वाकांक्षा और अत्यधिक कठिनाईयों को सहन करते हुए 78

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