Book Title: Jain Tattva Darshan Part 05
Author(s): Vardhaman Jain Mandal Chennai
Publisher: Vardhaman Jain Mandal Chennai

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Page 68
________________ B. नव तत्त्व नवतत्त्व की होडी और समुद्र के दृष्टांत से बोध - समझुती | काजावा जीव सरोवर का दृष्टांत जीवा संपूर्ण कर्मक्षय 3) पुण्य च निर्जरा सा देशसे कर्मक्षय M4) पाप पवत तुलपपन कर्म की रूकावट जीव कर्मप्रवेश फसेसंबध कारपोर याये 5आप्रवा HG संवर बधकरता IPL सकलकर्मक्षय

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