Book Title: Jain Stotra Sandohe Part 01
Author(s): Chaturvijay
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 601
________________ Jain Education International सकलमङ्गल. For Personal & Private Use Only संकलधौतसहासन० (शो, १४) अनन्तजिनस्तुतिः सकलनाकिनिकाय० चतुर्विंशतिजिनस्तवः सकलभविकचेतः गोडीपार्श्वप्रभुस्तवनम् सकलमङ्गल.. शीतलजिनस्तवनम् चतुर्विंशतिजिनस्तवनम् सकलमङ्गलवृद्धि सरस्वतीस्तवः सकलवाञ्छित. पार्श्वजिनस्तवनम् सकलविमलमङ्गल. चतुर्विंशतिजिनस्तवनम् सकलविश्वसुसम्मददे.. द्वितीयास्तुतिः सिद्धाचलमण्डनऋषभस्तवनम् सकलसुखनिवहदानाय० अजितशान्तिस्तवः (सावरिः) सकलसुखसमृद्धि० (क्ष. चै. २) अजितजिनचैत्यवन्दनम् सकलसुरेश्वर० जिनस्तुतिपश्चाशिका सकलसमयोप० (सा. १) साधारणजिनस्तवः सकलागमतत्त्व. नमिजिनस्तुतिः सकलार्थसिद्धिसाधन ऋषभवीरस्तवनम् सकलाहत्प्रतिष्ठान सकलाई सजन्मानमजन्मानं ( सा. १२) साधारणजिनस्तवः .. ४ 'शोभनमुनिः३।२३।२८।३१।३२ २५ सोमसुन्दरसूरिः ९ विद्यासागरसूरिः ५ निर्नामकम् २७ देवरत्नसूरिः ११ निर्नामकः ९ निर्नामकम् ५. आनन्दचन्द्रः ४ निर्नामका ७ जयचन्द्रगणिः १७ जयशेखरसूरिः । १४ ३ क्षमाकल्याणः २८ . ५३ महिमेरुः १६ रामचन्द्रसूरिः ४. निर्नामका १८ ३९ सकलचन्द्रोपाध्यायः २३ २८. हेमचन्द्राचार्यः १५ १६ रामचन्द्रसूरिः १३ सकलशारद जैनस्तोत्रसन्दोहै। www.jainelibrary.org

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