Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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पृष्ठ शब्द उपमा ३३४ उरोह
१०,३८ उपमान
: ३३४,३३६ उल्लंबन उपयोग
उल्का उपल
८४ उल्कापात उपवास
२७३ उल्कामुल उपशांतकषाय
९५,२४८ उल्लोक उपसंपदा
२४८ उवरिपुंछणि उपसंपादनभेणिकापरिकर्म ३२१ उववाइय उपसर्ग
२६८ उवासगदसाश्री उपसर्गप्रास
२६० उष्णोदक उपस्थानशाला १२,५४,१३१ उष्णोदक-कायसिंचन . २२३ उपस्थानश्रुत
.. २६९ उसगार उपस्थापना
२४८ उपांग
७,८,१२९ ऊँट उपाधिनिरूपण
२०१ ऊर्जयंत उपाध्याय २६१,२६३,२६४,२६६ उपानह
२१० उपासकदशा
ऋग्वेद उपासक-प्रतिमा उपाश्रय
२४२,२४३
ऋजुमति
ऋजुवालिका उप्पलबेटिया
ऋजुसूत्र उप्पाड
ऋण
ऋतु ११०,११५,३२९,३३३ उप्पाद उप्पाय
८८ ऋषभ
११७,२२७, ३२० उभय
२९६ ऋषभक उमजायण १०८ ऋषभकूट
११४,१२२ उम्मजक
ऋषभदत्त उरस्थ ७० ऋषभदेव
,२३० उरपरिसर्प
८९ ऋषिप्राप्त ८७ ऋषिभाषित .
३२०
१६४
MM..।
उपाश्रय-प्रवेश
उराल
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