Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 454
________________ अनुक्रमणिका ४३५ पृष्ठ ८८ १३३ iy ९३,१२० सेडी " my सूयलि १२,१५,४२ २ शब्द - पृष्ठ शब्द सूत्रस्थविर २६८ सेइंगाल सूत्रागम ३३७. सेंद्रिय सूत्रानुगम ३४० सेचनक ७१ सेडिय सूपकार सूयगडंग सेतव्या सूयगड सेतिका सेना १३४ सेनापति सूरण सेय सूरपन्नत्ति ८,११० सेयविया सूरवल्ली ८६ सेलई सूरियाभ ३७ सेलतता सूरिल्लि ७५ सेलु सूर्य ७०,९५,१०५,१०६,१०७, सेल्लगार . १०९,११०,१२५ सेवा सूर्यकांत सेवाल . सूर्यकांता ५३,६२ सेवालभक्खी सूर्यग्रहण सूर्यपरिवेश ७४ सोंडमगर सूर्यपुर सोमंगलक सूर्यप्रज्ञप्ति ९,१०५,११०, सोम सूर्यमंडल सोमय सूर्यागम सोमा सूर्यावरण सोमिल सूर्यावलिका ४८ सोरियपुर सूर्याभ सौगंधिक सूर्याभदेव सौत्रिक सूर्यास्त ४८ सौधर्म सूर्योद्गमन ४८ सौमनसवन ९२ २६९ ८६,८७ ५३,८४ ८९,९० १६३ १०९ ४८ SWARG. ६९,८४ ४१,९५ १२४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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