Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 460
________________ सहायक ग्रंथों की सूची भगवती आराधना -- शिवकोटि, शोलापुर, १९३५. भरतनाट्यशास्त्र - भरत, गायकवाड़ ओरियंटल सिरीज, १९२४, काशी संस्कृत सिरीज़, १९२९. १९३६; भारत के प्राचीन जैन तीर्थ - जगदीशचन्द्र जैन, बनारस, १९९२. भारतीय प्राचीन लिपिमाला -- गौरीशंकर ओझा, अजमेर, वि० सं० १९७५. मज्झिमनिकाय ( भाग ३ ) - टैंकनर और चालमेर्स, लन्दन, १८८८-९९. मनुस्मृति - निर्णयसागर, बम्बई, १९४६. महाभारत - - टी० ० आर० कृष्णाचार्य, बम्बई, १९०६ ९. महावग्ग (विनयपिटक ५ भाग ) - ओल्डनवर्ग, लन्दन, १८७९-८३. याज्ञवल्क्यस्मृति - विज्ञानेश्वर टीका, बम्बई, १९३६. रामायण - - टी० आर० कृष्णाचार्य, बम्बई, १९११. रिलीजन्स ऑफ हिंदूज - एच० एच० विल्सन, कलकत्ता, १८९९. ललितविस्तर - लन्दन, १९०२ और १९०८. लोकप्रकाश-- विनयविजय, देवचन्द लालभाई, बम्बई, १९२६-३७. विनयवस्तु (मूल सर्वास्तिवाद) - गिलगिट मैनुस्क्रिप्ट्स, जिल्द ३, भाग २, श्रीनगर कश्मीर, १९४२. विशेषावश्यक भाष्य - जिनभद्रगणि, यशोविजय जैन ग्रन्थमाला, काशी, वी० सं० २४२७-२४४१. श्रमण भगवान् महावीर -- कल्याणविजय, जालोर, वि० सं० १९८८. षड्दर्शनसमुच्चय- हरिभद्रसूरि ( गुणरत्नसूरिकृतटीका ), भावनगर, वि० सं० १९७४. ४४३ संगीतरत्नाकर -- शार्ङ्गदेव, पूना, १८९६. संयुत्तनिकाय ( ५ भाग ) – लियों फीर, लन्दन, १८८४-९८. सम प्रोब्लम्स ऑफ इन्डियन लिटरेचर -- मौरिस विंटरनित्स, कलकत्ता, १९२५ समवायांग - टीका, अभयदेव, अहमदाबाद, १९३८. सुत्तनिपात -- राहुल सांकृत्यायन, रंगून, १९३८. सुश्रुतसंहिता -- हिन्दी अनुवाद, भास्कर गोविंद घाणेकर, लाहौर, १९३६, १९४१. सूत्रकृतांग - टीका, शीलांक, आगमोदय समिति, बम्बई, १९३७. सोशियल लाइफ इन ऐशिएन्ट इन्डिया -- स्टडीज् इन वात्स्यायन कामसूत्र, एच० सी० चकलदार, कलकत्ता, १९२९. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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