Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi

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Page 410
________________ अनुक्रमणिका शब्द छींका छीपी छेद छेदसूत्र छेदोपस्थापना २१५ ९५ छेदोपस्थापनीय चारित्र ३३७ छेदोपस्थापनीय संयत कल्प स्थिति २५३ ज जंबुद्दीवपन्नत्ति जंबू जंबूद्वीप नंबूद्वीपप्रशसि जंबूफलकलिका जंबूवृक्ष जघन्यकुंभ नटी नणवय ई नई जन्मदिन जपा जमालि जय जयघोष जयंत जयंती जरुल नलकांत जलचर ष्टष्ट .५१ ९३,१२० २१५,२५९,२९६,२९७ Jain Education International ८,११०,११३ ४८, १२९, ३०५, ३०६ ७६, १०६, ११३, १२५ ११३,३२० ६९ ७८, १२४ ३३१ १७ शब्द जलचारिका जलबिच्छू जलरुह जलवासी जलोय जलौका जल्ल जवजव जवसय नस्ता जाउलग जांगल नांगिक जागरिक जागरिका जातकर्म जातरूप जाति मंडप जाति- स्थविर जाती २७ २१ १३५ ६३ जातुमणा जात्यार्य ८५ ३२ जामुन १६१ जार १६७ ९५,११३ ८६ ८८ ८४ ६८,८८, १०९ जालकटक जालघर जालवृंद जालाउय जावती जासुवण For Private & Personal Use Only ३९ + इष्ट ८८ ८८ ६८,८५,८७ २३ ८९. ८८, ३०.६. १०,३८,७३,६० ८७ ረ ८८ ८६ ९१ २४५ २७ २८,६३ २८. ६९ ७५ २६८ ८६ ८५ ९१,९२ ८५ ४७,४८ ५१ ७५ ७१ ८७ ८६ www.jainelibrary.org

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