Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
View full book text ________________
अनुक्रमणिका
पृष्ठ
१५,४०
लेप्यकार
शब्द
पृष्ठ शब्द लक्षण १२५,१५१,१५९ लाष्टिक
२६६ लक्षणविद्या १५१ लासक
१८,७३ लगंडशायी
२५१ लासिक लग्न ३५९ लिंग
२७३ लघु २८२,२८३,२८४,२८५,२८६ लिच्छवी
१४,४०,१३४ लघु-मास
२७४,२७७ लिच्छवीपुत्र लघुविमान-प्रविभक्ति २६९ लिपि
९३,९४ लच्छी १३७ लिप्त
१९७ लहि १०९ लिप्यासन
५२ लता
६८,८५,८६
लेख लताघर
लेखन लत्तिया
लेखनी लाध्यक्षर ३१८ लेप
२०७ लयन लयाजुद्ध
लेश्या ७९,९८,१०७,१ ललितविस्तर २२,९४
२७ ११५,३२९,३३३ लोक
१६८ लवंग
लोकबिंदुसार
३२१ लवण लवण-समुद्र ७८,११४,१२० लोभ लवणोदक
लोमपक्खी लष्टदंत
लोमपक्षी लहुय
लोमाहार लांतक
लोयाणी लाट
८७ लाठी
लोहा
लोहिच्चायण लाभार्थी
लोहित लायमन
लोहितपत्र लालाविष
८९ लोहिताक्ष लावक
लोहिय
१०९
Kaise
९३
लोध्र
८९
२६:४६:08
लाढ़
१७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Loading... Page Navigation 1 ... 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462