Book Title: Jain Sahitya Ka Bruhad Itihas Part 2
Author(s): Jagdishchandra Jain, Mohanlal Mehta
Publisher: Parshwanath Shodhpith Varanasi
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भनुक्रमणिका
१६९ बंधुजीवक ७० बंधुय
७१ वक .७६ बकरा
२२९ बकुल ३२,२२९ बकुश
। ५४:६६४:४
बदर
प्रायश्चित्तकरण प्रालंच प्रासाद प्रासादावतंसक प्रियकारिणी प्रियदर्शना प्रियाल प्रीतिदान प्रेक्षणघर प्रेक्षागृह प्रेक्षामंडप प्रेष्य प्रोषध प्रोषितभा प्लक्ष प्लवक
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बद्धक ..
बद्धीस ४३,४५ बनारस
घरसगाँठ ७३ बरिसकाह
वर्वर बर्हि
१०८
१८,९०,१२१
बल
बलदेव
२४,१०९,१३४,१३७
११८,१३८
५३.
फणस फणिज्जक फरखानाद फर्श
२
फलनियांसमार फलबेटिय फल्गुमित्र
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बलभद्र बलरामपुर बला बलाका बलि बलिस्सह बहलीक बहिद्धादान बहुउदय
बहुपुत्सित्र ७०
बहुपुत्रिका
बहुभाषी १८ बहुभंगीक ९१ बहुरय
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बउस
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