Book Title: Jain Lakshanavali Part 3 Author(s): Balchandra Shastri Publisher: Veer Seva Mandir Trust View full book textPage 7
________________ ( ६ ) ४. स्व० श्री साहू शान्तिप्रसाद जी जैन-स्व० साहू जी न केवल इस ग्रन्थ की रचना में निरन्तर प्रेरणा, सुझाव व सहायता देते रहे; अपितु "वीर सेवा मन्दिर" के अध्यक्ष के पद पर सदा सोसायटी के मन-प्राण ही रहे । प्रार्थिक योगदान "जैन लक्षणावली" के प्रकाशन में मूलरूप से उन्हीं का रहा। यहां तक कि इस अन्तिम भाग के प्रकाशन में भी उनकी प्रेरणा से “भारतीय ज्ञानपीठ ट्रस्ट" से दस हजार रुपये की राशि प्राप्त हुई, जिसके बिना कार्य में अवरोध उत्पन्न होना श्रवश्यम्भावी था । मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं इन चार महान् व्यक्तियों का समुचित रूप से आभार प्रकट कर सकूं । 'वीर सेवा मन्दिर' चिरकाल तक इनका हृदय से आभारी रहेगा । नई दिल्ली ७-४-७६ Jain Education International For Private & Personal Use Only महेन्द्र सेन महासचिव www.jainelibrary.orgPage Navigation
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