________________
RA
नहीं है प्राणि मात्र में भेद । सभी है जग के जीव समान नहीं है धनिक दीन में भेद
राव औ रंक समझ अज्ञान ॥ दलित दुखियो से करना प्यार, पापसे घृणा करो नादान पधारो।।
NATALI
समन्वय सीखो आग्रह छोड । वचन में स्याद्वाद सिद्धान्त कथन में अनेकान्त का योग
मिलाओ सभी द्वंद हो शान्त ॥ सभी धर्मों का ये ही सार अहिसा मय आचार प्रधान पधारो।
BAI
बुरे हैं जाति पाति के रोग । साम्प्रदायिकता की यह होड़ बुरे है रूढ़ि अन्ध विश्वास
बढ़ो अब आगे इनको छोड़। त्याग छल, छद्म और पाखण्ड, बढ़ाओ आज राष्ट्र की शान ॥१०॥
परिग्रह आवश्यक से अधिक | कभी ना रखो अपने पास बाट दो सबको युग के अनुसार
यही है सच्चा आत्म-विकास ॥ विपय में अनाशक्ति ही योग, धार कर कर लो अभ्युत्थान |पधारो।।
ka
R
A
A.COMKALA
परस्पर वैर भाव को छोड़ । विषमता की दो खायी पाट प्रेम बंधन में बंधो 'अनूप'
दिखा दो अपना रूप विराट । विश्व वन्धुत्व भावना जगे यही हो पावन लक्ष्य महान पधारो।
पधारो महावीर भगवान . विश्व का करने को कल्याण !!