Book Title: Jain Jyotish
Author(s): Shankar P Randive
Publisher: Hirachand Nemchand Doshi Solapur
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नंबर आचार्योंके नाम. विक्रमसंवत. ग्रंयोंके नाम.
ग्रंथ संख्या. ११ श्रीमाणिक्यनंदि आचार्य ५६९ परीक्षामुख १२ मीनेमिचंद्रसिद्धांत चक्रवति | ७३५ त्रिलोकसार, गोमट्टसार, लघिमार, क्षपणसार, द्रव्यसंग्रह. १३ श्रीमानतुंगाचार्य
७५६ भक्तामरस्तोत्र. ११ श्रीमभयनंदि भाचार्य . ७७५ गोमट्टसार टीका, वृहमनेन्द्र व्याकरण. १५ श्रीचामुण्डाय
७९५ चारित्रसार. १६ श्रीवट्टकर स्वामि
मुलाचार, १७ श्रीमकलंकदेव आचार्य ८५६ बृहन्नयी (३), लघुत्रयी (३), अष्टशती, राजवार्तिक. १८ श्रीजिनसेनाचार्य
८७२ वृहतआदिपुराण. १९ श्रीगुणभद्राचार्य
८७५ उत्तरपुराण, आत्मानुशासन, जिनदत्तचरित्र. श्रीकार्तिकेय स्वामि
कार्तिकेयानुप्रेक्षा. २१ श्रीयोगींद्रदेव आचार्य
परमात्मपकाश, योगसार. २२ श्रीविद्यानंदि आचार्य (पात्रकेसरी) ८८१ अष्टसहस्रो, आप्तपर का, प्रमाणपरीक्षा, पत्रपरीक्षा, श्लोकवार्तिक. २३ श्रीवादिराज आचार्य ९४८ एकीभावस्तोत्र. २४ श्रीअमृतचन्द्राचार्य . ९६२ पुरुषार्थसिद्धयुपाय, तत्वार्थसार, नाटकत्रयी (३) २५ श्रीमलिषेणाचार्य
९६९ सज्जनचित्तवल्लभ.
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