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प्रमाण ३.१२५०० को आधा किए पंद्रह लाख वासठि. हजार पांचसै योजन तीसरी बार आधा किया राजका प्रमाण हो है। तिहविर्षे पूर्वद्वीप समुद्रनिका वलय व्यास ५०००० । २ ल । ४ ल । ८ ल । मिलाएं साढां चौदह लाख योनन भए । सो घटाए तिस स्वयंभूरमण द्वीपका अभ्यंतर वेदिकात एक लाख बारह हजार पांचसै योजन पर द्वीपविखें जाइ तृतीयवार आधा किया हुवा राज क्षेत्रका प्रमाण हो है ऐसे ही पूर्व पूर्वको आधा करि तीह विर्षे पूर्वद्वीप समुद्रनिका वलय व्यास घटाएं जो जो प्रमाण रहे तितनां तितनां तिस तिस द्वीप वा समुद्रकी अभ्यंतर वेदिकात परै जाइ चतुर्थवार आदि आधा किया राजू क्षेत्रका प्रमाण जाननां ॥ ३५३ ॥
पुणरवि छिण्णे पच्छिमदीयभंतरिमवेदियापरदि ॥ सगदलजुदपण्णत्तरिसहस्समोसरिय णिपडदि सा ॥३५४.॥ पुनरपि छिन्नायां पश्चिमद्वीपाभ्यंतरवेदिकापरतः ।। स्वदलयुतपंचसप्ततिसहस्रमपसृत्य निपतति सा ॥ ३५४ ॥
अर्थ-बहुरि दूसरी वार छिन्न कहिए आधा किया राजू ताकौं आधा किए ताके पीछे जो द्वीप ताकी अभ्यंतर वेदिकातै परें अपना आधा साठा सैतीस हजार करि संयुक्त पिचहत्तरि योजन परै जाइ. सो राजू पडै है । संदृष्टि-द्वितीय वार छिन्न राजूका प्रमाण इकतीस लाखः पचीस हजार योजन ताका आधा किये पंद्रह लाख बासठि हजार पांचसै. योजन.होत सतें स्वयंभूरमणतैं पाछला स्वयंभूरमण द्वीप ताकी अभ्यन्तर वेदिकात पर तिस द्वीप विर्षे अपना आधा करि अधिक पिचहत्तर हज़ार के भए.लाख वारह हजार पाँचसे सो इतनैं योजन नाइ सो राजू पडै. है ॥ ५४॥ : अर्घ चतुर्थ अष्टमादि राजूके अंश किए जहां जहां मध्यक्षेत्रः होइ वहां तहां राजूका पडना कहिए है