Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi
Author(s): Rajiv Dikshit
Publisher: Swadeshi Prakashan

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Page 7
________________ खेती कर रहा है। कर्जे में डूबा हआबदहाली का शिकार भारतीय किसान आज आत्महत्या करने के लिए मजबूर है। इन्ही हालात को देखते हुए जरूरी है कि भारतीय किसान एक ऐसी कृषि-पद्धति को अपनाये जो उसे स्वाबलंबी बना सके और कर्जे व बदहाली से मुक्ति दिला सके। हमारा दुर्भाग्य है कि जब तक राजीव भाई सशरीर हमारे साथ थे तब तक हम सेवग्राम, वर्धा में, जो राजीव भाई का केन्द्रीय कार्यालय था, प्रयोग के रूप में कोई खेत का नमूना विकसित नहीं कर पाये। यद्यपिराजीव भाई के खेती विषयक व्याख्यानों को सुनकर हजारो किसानों ने स्वदेशी कृषि (विष मुक्त कृषि या सेंद्रिय कृषि) को अपनाया और आज भी वह सभी किसान राजीव भाई को अपना अग्रज मानते हैं कि उनकी प्रेरण से वे स्वदेशी कृषि की तरफ आ सके। राजीव भाई के जाने के बाद हम सबने मिलकर यह तय किया कि राजीव भाई के चिकित्सा, खेती, स्वदेशी से सम्बंधित विचारों को प्रयोग के स्तर पर उतारा जाय। इसके लिए हम लोगों ने सेवाग्राम, वर्धा में 23 एकड़ में एक स्वदेशी शोधकेन्द्र बनाने का संकल्प लिया है जिसमें आर्गेनिक खेती का मॉडल और उससे जुडी हुई आदर्श गौ-शाला तैयार की जा रही है। इसके अलावा स्वदेशी तकनीकी और स्वदेशी ज्ञान-विज्ञान के आधार पर एक बड़े शोध संस्थान की तैयारी भी चल रही है। स्वदेशी कृषि के मॉडल को विकसित करने में कृषि से जुड़े सभी पहलुओं पर भी शोध होगा जैसे - देशी बीजों का संग्रह और उनका परिवर्धन, खाद बनाने की देशी पद्धतियों का प्रदर्शन और उत्पादन, विविधतापूर्ण खेती करने के तरीकों का प्रदर्शन और प्रयोग, मिट्टी को उपजाऊ बनाने के विविध प्रयोग, खेती में पानी के व्यवस्थापन से सम्बंधित प्रयोग आदि विषयों पर विस्तार पूर्वक कार्य करने की योजना बनाई है। इसके अलावा इन सभी विषयों पर सीखने और सिखाने की कार्यशालायें भी चलेंगी। हम सबको राजीव भाई की कमी का एहसास तो होता है और मन में यह दुःख भी रहता है कि काश वह होते तो कितना अच्छा होता। लेकिन उनके अधूरे सपनों और कार्यों को पूरा करने के लिए हमे तो कमर कसनी ही होगी और यही हमारा उद्देश्य होगा। प्रदीप दीक्षित सेवाग्राम, वर्धा 30.01.2013 स्वदेशी कृषि

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