Book Title: Gau Vansh par Adharit Swadeshi Krushi Author(s): Rajiv Dikshit Publisher: Swadeshi Prakashan View full book textPage 6
________________ __ -1 प्रकाशकीय राजीव भाई का पूरा जीवन इस आधार को स्थापित करने में लगा रहा कि भारतीय समाज की व्यवस्थाओं को भारतीयता के आधार पर पुनः स्थापित किया जा सके। हमारी जो व्यवस्थायें आज चल रही हैं वे सभी अंग्रेजियत के आधार पर ही चल रही हैं। अंग्रेजो ने भारत की लूट खसोट करने के लिए जो व्यवस्थायें बनायी थीं वही आज भी चल रही हैं। अंग्रेजो ने उन व्यवस्थाओं को चलाने के लिए हजारों कानून-नियम बनाये थे, दुर्भाग्य से वही कानून और नियम आज तक चल रहे हैं। इसके कारण हमारे देश के लोगो की मान्यतायें भी काफी हद तक विदेशी हो गयी हैं। भारत की अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, प्रशासन आदि सभी युरोपीय प्रभाव के शिकार हैं और ये सभी व्यवस्थायें अंग्रेजी कानून के आधार पर ही संचालित हो रही हैं। इन्ही सारी व्यवस्थाओं को बदलने का भगीरथ कार्य आजादी बचाओ आन्दोलन ने शुरू किया है। भारतीय कृषि व्यवस्था के ऊपर भी काफी हद तक विदेशी प्रभाव आ गया है। रासायनिक खाद और जहरीले कीटनाशकों का अंधाधुंध प्रयोग खेती में हो रहा है जिसके चलते खेत की मिट्टी खराब हो रही है और खेती मेंलागत बढ़ती जा रही है। दूसरी ओर विश्व व्यापार संगठन की शर्तों के कारण और उदारीकरण की नीतियों के चलते भारतीय बाजारों में विदेशी कृषि उत्पादों की भरमार हो गयी है जो कीमत में काफी सस्ते हैं। इससे भारतीय किसानों पर बहुत बुरा असर पड़ रहा है। एक ओर तो भारतीय कृषि - मँहगे बीज, रासायनिक खाद और कीटनाशको के चलते साधारण किसान की पहुँच से दूर होती जा रही है, दूसरी ओर सस्ते विदेशी कृषि उत्पादों के चलते किसानों को अपनी उपज का पूरा दाम भी नहीं मिल रहा है। नतीजा यह है कि सबका पेट भरने वाला किसान भयंकर घाटे में स्वदेशी कृषि - ५ .. - - .- - - . - . n . . . .. - - --. - - - - ... . - . -r e .....Page Navigation
1 ... 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 ... 110