Book Title: Dvipushta Vasudev Charitram
Author(s): Vardhamansuri
Publisher: Shravak Hiralal Hansraj

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Page 21
________________ द्विपृष्ट सान्वय चरित्रं भाषांतर // 20 // ARRA अन्वयः-क्रमात वर्धमानः एपः स्मितेः दिशः कुसुमयन् वसंत दिवस व्यूहः इव कस्य तुष्टये न?॥६६॥ अर्थः-अनुक्रमे वृद्धि पामतो एवो ते विजयकुमार हास्पथी दिशाओने पुष्पित करतोथको वसंतऋतुना दिवसोना समूहनीपेठे | कोना आनंदमाटे न थयो ? // 66 // अथोदरमुमादेव्याः प्राणतात्पर्वतश्च्युतः / अवाप पुण्यकृन्मुष्टिं चिन्तामणिरिवार्णवात् // 67 // अन्वयः-अथ अर्णवात् चिंतामणिः पुण्यकृत् मुष्टिं इव, प्राणतात् च्युतः पर्वतः उमादेव्याः उदरं अवाप. // 67 // अर्थः-पछी महासागरमांथी निकळेलु चिंतामणि रत्न जेम पुण्यशालीनी मुष्टिने प्राप्त थाय, तेम प्राणतदेवलोकमांथी चवेलो ते पर्वतनो जीव उमादेवीना उदरमा आव्यो. // 67 // करी सिंहो वृषश्चन्द्रो भानुर्वैश्वानरोऽम्बुधिः / इति स्वप्नानुमापश्यदच्युतोत्पत्तिसूचकान // 68 // __ अन्वयः-उमा करी सिंहः वृपः चंद्रः भानुः वैश्वानरः अंबुधिः इति अच्युत उत्पत्ति सूचकान् स्वप्नान् अपश्यत् . // 68 // अर्थः-पछी ते उमाराणीए हाथी, सिंह, तृपभ, चंद्र, सूर्य, अग्नि तथा क्षीरसमुद्र नामनां वासुदेवना जन्मने सूचवनारां स्वप्नो जोयां. 18 ततः सुतमसौ बालतमालदलदीधितिम् / विन्ध्यभूरिव भद्रेभं समये समजीजनत् // 69 // अन्वयः-ततः विंध्य भूः भद्र इभं इव, असौ समये वाल तमाल दल दीधिति सुतं मसजीजनत्. / / 69 // अर्थः-पछी विंध्याचलनी भूमि जेम भद्रजातिना हाथीनो जन्म आपे, तेम आ उमाराणीए योग्य समये उगता तमालपत्र SOCIALISTOPAISES un GATE P.P.AC.Gunratnasur M.S.

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