Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

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Page 131
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अथं १२२ वर्णबीजकोषः शब्द अर्थ अब्द अर्थ शब्द अर्थ अनन्तः-आ।ऋालाऔरल अन्तरिक्षम्-आ,क्षाखाहाहँ अमृतबीजम्-वं (अ):(अ)हाक्ष अन्तिम:-क्षाए अमृतम्-आलाए।ओ। अनन्तक्षय:-क्ष अन्धकरिपु:-ए।गासाह वाजूंव अनन्ता-लाल अन्धतमः-औ अमृता-एए: अनन्तेशः-आ अन्धम्-वाव अमृताकर्षिणी-(अ) अनन्यजः-काक्लीं अन्य :-न अमृताक्ष:-साव अनलमण्डल:-क्ष अपगरिक:-रार अमृतादः-ट अनल:-रार अपराजिता-लाव अमृताधरा-:(अ:)अनलवल्लभा-स्वाहा अपर्णा-च अमृताधारशायिनी-ऐ अनुग्रहेश:-ओ अपार:-ॐ अमृताद्य:-ठ अनादिक:-ए।त अपांनाथः-रूँ अमोघा-ठाल अनामिका-ऋ अपांपति:-हँ अम्बरम्-आखाहाह अनिरुद्धः-आवं अप्पितम्-रार होम् अनिल:-टाढायायँ अबलम्-वाव अम्बा-ऋाला (अ) अनुम्पिनी-झ. अब्जः-ऐ। सादाँ अम्बिका-ध अनुग्रहेश्वर:-औ अब्जयोनिः-काम अम्बु-वावं अनुच्चार्या:-(अ:) अधिद्वोपा-लाल अम्बुजन्माअनुत्तर:-अ . अब्धिबीजम् -रू अम्बुजम्-ठ अनुत्तरवर्णक:-ॐ अब्धिमेखला-लाल अम्बुदः-ऋ।व अनुत्तराक्षर:(रो)-अ अब्धिरूपा-६ अम्बुधि:-आराथ अनुनासिक:-1७ङजान । अब्धिशयनः-आउक्लिी अम्बुभृत्-वं अन्तम्-म अभाव: अम्बुसू:-ऋ अन्तकः-कागाणामाष अभ्रम्-आखिोवाहावाह अम्बुधा-वाव अन्तविता-न अभिख्या-ए अम्भ:-वाव अन्तस्थिता-ऋ अभ्रपुष्पम्-वाव अम्भोजम-ठ अन्तिकम्-क अमतिः-ऐ। सादा अम्माधि:-रूँ अन्तिमस्वरः:-(अ:) अमरनायकः-उ अम्भोनिधि:-रू अन्त्य -क्ष अमर:-क्ष अम्मोराशि:-रूँ अन्त्य वाण:-स: अमरेशः-इउाला: अरणिः -रार अन्धकार:-ङ अमर्त्यकृत-स अरियुक्-ल अन्धकारिणी-ओ अमृतदीधितिः-ऐ।छासाद्राँ अरिसूदनः-आउफ्ली For Private and Personal Use Only

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