Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 179
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वर्णबीजकोष: अर्थ शब्द अर्थ शब्द अर्थ ॥ह ॥ हरितम्-हसौं हिमाराति:-रा हंस:-मायारासाह हरिदश्व-माय - हिरण्यमयी-क हंसगा-ऊ हरिद्रा-धाहसौराहसौं हिरण्यपुरवासिनी-स हंसदा-ऋ हरिसर्ग:-:(:) हिरण्यपुरम्-स हंसरथ:-कामाक नरिहय:-डाल हुङ्कारः-लू हंसवाहन:-कामाक हर्षकामिनी-ल हुतभुक-रारं हंसिनी-यार हवि:-:(अ) हृतभुक-राएँ हङ्कारी-झ हव्यवासिता-ल हृच्छाली-य हनु:-हास्वाहा हव्यवाहन:-रार हज्जः-जाम हन्ध्र :-हं हस्त: हृत-ऐयाशाषाहानमः हयग्रीवः-हसौं हस्तिनापुरनायक:-न हृदयम्-गानायारानमः हर:-ए।गाघासाहास्वाहा हस्ती-शाक्रौं।प्रो हृदयात्मा-नमः हाँ।फट हाविनी-०(अं)।द हरम्-फट हान्त:-है हृबीजम-:(अ:) हरचूड़ामणिः- ऐसाद्रो हारः-ऋ हम्मडल:हरजाया-ह्रीं हारिणी-ज हृषित:-म हरध्वनि:-ठ हासित:-म हृषीकेशः-आउलाबाक्ली हरप्रिया-ह्रीं हिंसा-ऋ हृष्टि:-औ हररूपः-ए।गासाह हिंगुबीजम्-ग्लौं हेति:-फट हरशेखरा-ल हिण्डी-ए।गासाह हेमशङ्क:-क्लीं हरिः-आउलाताहाक्ली हित:-ऊ हेरम्बबीजम्-गुं हरिणः-हसौं . हिमद्युतिः-ऐािसाद्रीं ह्रादिनी-शाष हरिणाङ्कः- साद्री हिमाद्रितनयापतिः- ह्री:-आ।ह्रीं हरिणाक्षी-श्रीं एगासाह ह्लादिग:-च हरिणी-हसों वर्णबीजकोषा समाप्ठ: हृद्यम्-य For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 177 178 179 180