Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 138
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir १२९ TOT कह वर्णबीजकोषा शब्द अर्थ शब्द शब्द अर्थ कामेशी-आइ।। क्लीं कालपोता किङ्करी-ऊ कालबीजम्-अ किङ्करीबीजम्-ऋादी कामेश्वरी-आखाङ कालभद्र:-म किङ्किणी-ऋाघाह्रीं क्लह्रीम् कालभैरवी-आ किझल्क:-झ कामेश्वरीवाण:-यांरां कालरात्रि:-आलाऐ।औ किन्नरः-नमः लांवांशां काछ।पाफाराहम् किन्नरी-ज कामेश्वरपीठोपसेवन:-ण कालरात्र्याग्रा-आ कीनाश:कामोद:-ज कालरूपः-घ कीत्ति:-आऋ||घ कामोदरी-त कालरूपा-ग कीलालम्-वावं काम्पिनी-वली कालरूपी-ख कु:-ठालाल काम्या-व कालवक्षत्रा-उ कुक्कुटी-ङ काय:-क्ष कालसंकर्षा-ख कुक्षम्-क्ष कायिनी-झ काला-:(अ:) कुक्षिः -झाप कारखाग्नि:-ख कालसुन्दरी-(अं) कुच:-ज कार्तवीर्यार्जुन:-फ्रों कालाग्नि-काहस्त्री कुचमण्डलम-झ कात्तिकेयः-टु कालादि:-भ कुटिलरूप:-द कार्मुकम्-ऋ कालानल:-हूं कुज्ञानीकालम्-हँ कालिका-ऋात की कुञ्जर:-क्रपा काल:-ला: ॐखाछाझा कालान्तक:-उ कुखा-फ माषाक्षाहूं कालो-काखाङकी कुटिल:-उल कालकर्षिणी-ऐ कालेश:-म कुटिला-टाद कालकल्पा-च काव्यम्-भ्रों कुटिलारूप:-द कालकारिका-ई काव्यः-लाबी कुटिलाश्रोत्रं-उ कालकूटा-उमओ काशिका-आ कुट्टारः-दारूँ कालकृष्ण:काश्यपी-लालँ कुण्डलम-:(अ:)।ठास कालजिह्वा-आलोक्ष काशीनाथः-ए।गासाह कुण्डलद्वयम्-: कालखर:-एगासाह काष्ठा-ट कुण्डलवक्त्रम्-: कालनिशा-आ काष्ठरूपा-घ कुण्डली-गासाह्रीं कालनेमिरिपु:-अगली किल्विषम-ऋ कुण्डलीश:-ॐ कालपूर्णा-अ: किङ्करः-झ कुण्डिका-क For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180