Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan
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शब्द
मुखज:-आ
मुखद: - ञ
मुखनिष्ठु :
:-व
मुखबिन्दुः-ब
मुखविष्णु:-ब
मुखवृन्तम् - आ
मुखवेष्टनम् - आ
मुखी - एओ क
मुखेश्वरी -: (अ:)
मुख्य:-क्ष, मुग्धा - ण मुञ्जकेशी-अवल मुण्डम्-ओ
मुण्डधरः -च
मुण्डमालिनी-ओ
-राल
अर्थ
मुत्-ट
मुद्रा - ओ
मुरलीधरः - आउ।क्लीं
मुरारि:- ओ
-न्र
मुसली - मुहूर्तादिरूपा-ज
मुहाकः - इ
मूकः -ङ
मूर्च्छा-प
मूर्ति: - ईस
मूर्धज:- काथ
मूर्द्ध बीजम् - ऍ
मूर्धा - आ|| स्वाहा
मूलम्-भ
मूला-प
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rajatants:
शब्द
मृग:-ऊ
मृगपिप्लु :- ऐ|| साद्री
मृगलोचना - स्त्री म्
मृगवाहनः - टाय । यँ
मृगाङ्क:-'(अं)
मृड:- ए|गा साह मृणालिनी-भ
मृत - ह्रीं
मृतदेवी-ल
मृता-ओ
मृत्तिका - ह्रीं ह्रीं
मृत्यु: - काञ श
अर्थ
मृत्युकारकः - श
मृत्युदेव:- श
मृत्युञ्जय: - ए| ग |स | ह । जूं
मृत्युञ्जयप्रणव:-हं
मृत्स्ना - ह्रीं
मृद्वीका - ह्रीं
मेखला - च
मेघः--ऋ । लृ नाम लाव
मेघधूम्रः- ल
मेघनादः-ल।चाह
मेघपुष्पम् — व
मेघवान् - इल
मेघवेश्म - आ । ख ह । हँ
मेघश्यामः -ह
मेघश्यामा-ल
मेघानन्दा-घ
मेचक्र:-न
मेद :- व
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मेषादि:-अ
मेषेश्वरी-न
मेष्ठ सोमः -प
मोक्षम् ॐ
मोक्ष:-मौ
मोक्षदः- ॐ
मोक्षबीजम् -ए। ओ
मोचा- धाल
१५५
शब्द
मेदिनी - चालाल मेधा-आई।ऋाल।लुधि मेघ:- ऋ । न
मेरु: - लाषाक्ष, मेरुगिरि:- ल
मेरुबन्ध: - क्ष
मेष:- अॠानाह
मोविकाॠ
मोदकः-ब
मोदनः-क
मोदवर्धन. - फ
मोदा-ठाल
मोदिक:- ल
e
मोदिनी - आक
अर्थ
मोषण:-न
मोहकः-उप
मोह: - इ| क|फ| य | लाल
मोहनी - ( अ )
मोहन: - इाउ | कान | क्लीं
मोहनात्राओ
मोहिनी - ई | काल | ए | ऐ । ग मोहरूपिणी-ओ
मोहवर्धन : - इक फाव क्लीं

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