Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

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Page 170
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir वर्णवीजकोषा शब्द - अर्थ शब्द अर्थ शब्द अर्थ विद्याधरः-ल घिरतिः-ए विश्वमोहिनी-एम विद्यावीजम्-क्षरसरही विरला-ट विश्वम्भरा-कालाल विद्यामुखी-(अं) विराट-झाॐ विश्वयोनिः-ख विद्युज्जिह्वा-आगाज विराविणी-ष विश्वरूप:विद्युत्-टाष विरुद्धधी:-न विश्वरूपिणी-डाच विद्यति:-प विरूपा-हाल विश्वहा-म विद्येश्वरी-ओ विरूपाक्षी-ऋ विश्वा-ऋाए। विधाता-आ।काॐ विरोधिनी-उ विश्वात्मक:-आ विधिः-कामाकाव विल:-थ विश्वात्मिका-ल विधु:-इालम् विलासिनी-उालास्त्री विश्वाद्य:-:(:) विनदा-टाठ विवरम्-थ विश्वान्तः-ज विनस:-न विवर्णा-ज विश्वेशो-औ विनायक:-आ।:(अ)घोष । विवस्वान-ए বিস্বহী-সূল विन्ध्यादिशिखरस्थिता-8 विशल्या-3 विषम-डाम विपुलम्-श विशाखी- विषघ्नी-इ विपुला-लाल विशाल:-ल विषयेच्छाभोगवती-ङ विप्रचित्ता-ऊ विशालाक्षी-ख विष्टराङ्गी-ज विप्रियः-फ विशालार्धा-क विष्णु:-इ.:(:)।हाक्लीं विभावसुः-गारारं विशिख:-छादा विष्णुमाया-ऐ विभूति:-जाऐ।टाठाह्रीं विशिष्टरी-ऋ विष्णुशक्ति:-श्रीं विमत्तः-म विशुद्धिमान्-ऋ विष्णुशयनम्-आरा:(अ.) विमलधित:-ल विश्वम्-ल|ॐमानानमः विसुः-ध विमला-काचालाषालू विश्वगर्भा-च विस्मिता-लू विमलाकृति:-ट विश्वतोमुखी-ल विहगः-फ विमुक्तक:-भ विश्वप्सा-रार विह्वल:वियत्-:(:)।ङात्रामा विश्वबीजम्-ल वोधि:-मालू शाह विश्वमर्दना-औं वीतिहोत्र:-रारं विरजतिः-ज विश्वमाता-ग वोर:-ईयाह्रीं. विरजा-आझिान विश्वमातृका-ऋऐ वीरक:-ताश विरजेश:विश्वमूर्ति:-म वीरपोठ-न For Private and Personal Use Only

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