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वर्णवीजकोषा शब्द - अर्थ शब्द
अर्थ शब्द
अर्थ विद्याधरः-ल घिरतिः-ए
विश्वमोहिनी-एम विद्यावीजम्-क्षरसरही विरला-ट
विश्वम्भरा-कालाल विद्यामुखी-(अं) विराट-झाॐ
विश्वयोनिः-ख विद्युज्जिह्वा-आगाज विराविणी-ष
विश्वरूप:विद्युत्-टाष विरुद्धधी:-न
विश्वरूपिणी-डाच विद्यति:-प विरूपा-हाल
विश्वहा-म विद्येश्वरी-ओ विरूपाक्षी-ऋ
विश्वा-ऋाए। विधाता-आ।काॐ विरोधिनी-उ
विश्वात्मक:-आ विधिः-कामाकाव विल:-थ
विश्वात्मिका-ल विधु:-इालम्
विलासिनी-उालास्त्री विश्वाद्य:-:(:) विनदा-टाठ विवरम्-थ
विश्वान्तः-ज विनस:-न विवर्णा-ज
विश्वेशो-औ विनायक:-आ।:(अ)घोष । विवस्वान-ए বিস্বহী-সূল विन्ध्यादिशिखरस्थिता-8 विशल्या-3
विषम-डाम विपुलम्-श विशाखी-
विषघ्नी-इ विपुला-लाल विशाल:-ल
विषयेच्छाभोगवती-ङ विप्रचित्ता-ऊ
विशालाक्षी-ख विष्टराङ्गी-ज विप्रियः-फ विशालार्धा-क
विष्णु:-इ.:(:)।हाक्लीं विभावसुः-गारारं विशिख:-छादा
विष्णुमाया-ऐ विभूति:-जाऐ।टाठाह्रीं विशिष्टरी-ऋ
विष्णुशक्ति:-श्रीं विमत्तः-म
विशुद्धिमान्-ऋ विष्णुशयनम्-आरा:(अ.) विमलधित:-ल विश्वम्-ल|ॐमानानमः विसुः-ध विमला-काचालाषालू विश्वगर्भा-च
विस्मिता-लू विमलाकृति:-ट विश्वतोमुखी-ल
विहगः-फ विमुक्तक:-भ विश्वप्सा-रार
विह्वल:वियत्-:(:)।ङात्रामा विश्वबीजम्-ल
वोधि:-मालू शाह विश्वमर्दना-औं
वीतिहोत्र:-रारं विरजतिः-ज विश्वमाता-ग
वोर:-ईयाह्रीं. विरजा-आझिान विश्वमातृका-ऋऐ वीरक:-ताश विरजेश:विश्वमूर्ति:-म
वीरपोठ-न
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