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वर्णबीजकोषा शब्द मर्थ शब्द
अर्थ शब्द वामनीक:-वी वारणा-आ
वास्तोष्पति-दाल वामपन्मूलम्-त वारणार्णम्-ह्रीं
वास्या-ट वामपादस्थित:-ह वारणी-ऋ
वाहनम-घ वामपादंगुलितलगा-ज वारांनिधि:-6
वाहिनीपति:-रू वाममणिमध्यग:-न वाराही-आओए।चात वालिकम-ग्लों वामलोचनम्-ई वारि-वावं
वि:-:(अः) वामलोचना-ऋ
वारिचारका-व विकटम्-छ वामशक्ति:-त वारिजम्-ठः
विकराल:-(अं) वामशाखामूल:-झ वारिजा-ऐ
विकराली-(अं) वामश्रुतिः-ऊ वारिद:-व
विकामा-उ वामस्कन्धः-चाल वारिधि-रूँ
विकृत:-ओ वामहस्ताग्रगःवारिनिधि:-रूँ
विकृतमुखीवामहस्तांगुलितलगः-झ वारिराशि:-रू
विकृता-क्ष वामहस्तांगुलिमूलम्-झाद वारुणः-क।
विकृताकृतिमण्डल:वामहस्तांगुल्यग्रगः- पारुणम्-काव
विकृति:-आणिकाख वामा-नास्त्रिी वारुणिक:-व
विघ्नम्-इ वामाक्षी-ईओ वारुणी-ऋाराश
विघ्नप:वामांसगत:-व वार्ता-दाध
विघ्नराज:-आ। वामी-झान वार्तादा-प्री
विघ्नवारणम्-फट् वामोद:-ज वाधि:
विघ्नहर्ता-उाक्ष वामोरुः-थास वार्ष:-कं
विघ्न हारिणी-क्ष वामोरुनिलयः-त वार्षिक:-क्र
विघ्नहत्-उ वामोरुमूलग:-त वास:-वाहासी: विघ्नेश:-आढ वायवी-ऐ।ओ।शाष वासंकरी-ओ
विचित्रा-:(:)।चाक्रीम् वायु:-खाङाझाटाढासायं वासना-ई।ए।ऐ।एँ विजया-आऋाहरूफेम् वायुपूज्या-प्रीं वासवः-ल
विजयाबीजम्-श्नो वायुवेगी-य वासिनी-ल
विजयी-उ वायुसखः-रारं वासु:-आउओक्लीं विज्ञानात्मा-(अं) वोरण:-खाक्रां
वासुदेवः-आउओक्लीं विदुषी-ओ वारणम्-ए।ऐं।क्रां वास्तुदेवता-(अं) विद्या-आइकाऋागाच
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