Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan
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शब्द
अर्थ
१५८
वर्णवीजकोषः शब्द अर्थ शब्द
अर्थ रेत:-क्लों
लम्बोदरी-जान रेरिहाण:-ए।गासाह लम्बोष्ठः-ल रेवती-(अं)।राल लम्बोष्ठी-जाऔ रोगनाशिनी-ट
ललना-क्रींनी रोगी-ज
ललवाक-ल रोचिष्मती-ल
ललाट:-बाठाह रोधिनी-अ
ललाटज:रोमहर्षा-:(अ:) ललितम्-छी रोहिणीपतिः-
ऐसाद्री ललिता-स्त्री रोहिणीश:-ऐ। साद्री ललिताबीजम्-स्क्लह्रीं रोहिताश्व:-रारं
लवकाधिःरौद्रः-थाहौं।ह्रीं
लवणम्-धानाल रौद्री-ऋानाफ
लवा-(अं) रौरवेश:-र
लहरी-बाव
लाकिनी-ऐल लकुली-ह
बाङ्गली-लाछाट लकुलीश:-ह
लापक:-ड लक्ष्मण:-ई
लिङ्गम्-खाएँ लक्ष्मी:-माऋाखालावाश्रीं लिप्सः-व लक्ष्मीगणेश:-ग्री लिप्सा-झाऊँ लक्ष्मीरूपा-झ
लुत्कधारिणी-ढ लक्ष्मीवान-म
लुप्तकेश:-ल लक्ष्मीसहज:-
ऐसाद्रों लू चकः-ल लघुप्रयत्न:-ल
लेख:-क्ष लज्मा-आए।धाषाह्रींस्त्री लेखक:-ओ लता-ए
लेखषभ:-इाल लाबीजम्-ए
लेखा-ह्रीं लम्बपयोधरा-:(अ) लेलिहा-ऐ लम्बवक्षोजा
लोकनाथ:-कामा लम्बोदर:-घाङाषाग लोकबन्धा-ली
लोकेश:-कामा लोभवर्धन:-इकाक्षावलों लोमशा-ओ लोमहारिणी-औ लोला-याक्री लोल:-थाद लोलाक्षी-ई।पाफ लोहित:-पाक्षाह्रीं लोहिता-ऐ
॥व ॥ वंश:-ट वक्त्रम्-ला:।क वक्रतुण्डा-ध वच:
वत्र:-माल
वज्रकाय:-क्ष वज्रदण्ड:-ल वज्रधक-ल वज्रपाणि:-इाल वज्रप्रस्तारिणी-(अं) वज्राक्षी-व वज्रांग:-ग वज्रायुधः-लाए वज्रिणी-ऋाछाट वनी-इ।औमाल|फट वज्रशी-ऊ वज्रेश्वरी-डाफ वटकबीजम्-वां वनम्-वास्वाहा वनमाली-आउाक्ली
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