Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

View full book text
Previous | Next

Page 141
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १३२ शब्द क्षौणि :- लाल क्षोणिप्राचीरम् - रू क्ष्मा-लाक्षालं क्ष्मात्मक:- ऐ क्ष्माभृत्-दारू ॥ ख ॥ खम् - लाहा हँ खगः-आओ। लाखाह खगवती - लाल खगा-ट खचमसः - ऐ।।। द्राँ खञ्जन:- भ खड्गकः-ख खङ्गबीजम् - खं खङ्गिनी - - ख अर्थ खड्गी (ण्डी ) - घालाव खड्गीश:- घाव खण्डनम् - ल खण्डनी - लाल खण्डपरशु : - एगा साह खण्डपर्शु :- एमासाह खद्योत :- ह्र । ह्रां खनदा-ट खप्रबन्धक :- (अं) खर:- ष खरु - एग। साह खर्वङ खल:- श खश्वासः - टाय । य खसंस्थित:-क्ष www.kobatirth.org afrator... शब्द शब्द खसपूर्ण :- काम | क गजेन्द्रः- क। ख खान्त:- काग गजेश्वरी-भ खपगा-ल गडव:--ल खेचरः -ट गण्ड:-ल खेचरी - आउ ऊ ऋ । चटठ गण्डनामा - लू खेचरीध्वनिः-ण खेचरीबीजम् - हस्ख्फ्रें खेजर:- ए|गासहि खेटमुखी-ट खेरक :- प खेलक:--इकावली अर्थ ख्यात्बीजम् - ख्यूं ॥ ग ॥ गगनम् - उ । (अं) । खाभाव हाहँ गगनपतिः -व गगनरत्नम्-ग्लू गगनाम्बरधारिणी-ण गङ्गा-लाग गङ्गाधरः - ए|गासाहरू गङ्गाबीजम् - ल गज:-आ। क्राँप्राँ गजकुम्भ:- ग गजगामिनी-ऋ गजमुख:-ग गजवक्त्रक :- ए गजसाधनम् - क्रों गजांकुश: - उट गजास्यः - गं गजाननः–लु।'गँ Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir For Private and Personal Use Only ५ गणनाथ:-: ( अ : ) । क गणनायकः - ऋक गणपतिबीजम् गणपालक:-ल अश् गणराट् - ख गणाधिकः-लुढ़ाग गणाध्यक्ष:- ग गणाम्बा - ए गणेशः--:(अ:)।ग।क्षांग गणिकाबीजम् - खीम् गणेश्वरः-ग।क्ष गणेश्वरी - ऐ गत :- चाल गति::-जार गदाग्रजः - आउ । क्लीं गदाधरः- आउ। क्लीं गदाभृत् - आउ।क्लीं गदिनी -ङ गदी-ख गदीश :- ख गन्ध: -टात श गन्धर्व-इ गन्धवती - लाल गन्धव (वा) ह: - टाय । य गन्धकर्षिणी-ऋ

Loading...

Page Navigation
1 ... 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154 155 156 157 158 159 160 161 162 163 164 165 166 167 168 169 170 171 172 173 174 175 176 177 178 179 180