Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan
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१३२
शब्द
क्षौणि :- लाल
क्षोणिप्राचीरम् - रू क्ष्मा-लाक्षालं
क्ष्मात्मक:- ऐ
क्ष्माभृत्-दारू
॥ ख ॥
खम् - लाहा हँ
खगः-आओ। लाखाह खगवती - लाल
खगा-ट
खचमसः - ऐ।।। द्राँ
खञ्जन:- भ
खड्गकः-ख
खङ्गबीजम् - खं
खङ्गिनी -
- ख
अर्थ
खड्गी (ण्डी ) - घालाव खड्गीश:- घाव
खण्डनम् - ल
खण्डनी - लाल
खण्डपरशु : - एगा साह
खण्डपर्शु :- एमासाह
खद्योत :- ह्र । ह्रां
खनदा-ट
खप्रबन्धक :- (अं)
खर:- ष
खरु - एग। साह
खर्वङ
खल:- श
खश्वासः - टाय । य खसंस्थित:-क्ष
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शब्द
शब्द
खसपूर्ण :- काम | क
गजेन्द्रः- क। ख
खान्त:- काग
गजेश्वरी-भ
खपगा-ल
गडव:--ल
खेचरः -ट
गण्ड:-ल
खेचरी - आउ ऊ ऋ । चटठ गण्डनामा - लू
खेचरीध्वनिः-ण
खेचरीबीजम् - हस्ख्फ्रें खेजर:- ए|गासहि खेटमुखी-ट
खेरक :- प
खेलक:--इकावली
अर्थ
ख्यात्बीजम् - ख्यूं
॥ ग ॥
गगनम् - उ । (अं) । खाभाव
हाहँ
गगनपतिः -व
गगनरत्नम्-ग्लू
गगनाम्बरधारिणी-ण
गङ्गा-लाग
गङ्गाधरः - ए|गासाहरू
गङ्गाबीजम् - ल
गज:-आ। क्राँप्राँ
गजकुम्भ:- ग गजगामिनी-ऋ
गजमुख:-ग
गजवक्त्रक :- ए
गजसाधनम् - क्रों
गजांकुश: - उट
गजास्यः - गं
गजाननः–लु।'गँ
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५
गणनाथ:-: ( अ : ) । क
गणनायकः - ऋक
गणपतिबीजम्
गणपालक:-ल
अश्
गणराट् - ख
गणाधिकः-लुढ़ाग
गणाध्यक्ष:- ग
गणाम्बा - ए
गणेशः--:(अ:)।ग।क्षांग गणिकाबीजम् - खीम् गणेश्वरः-ग।क्ष
गणेश्वरी - ऐ
गत :- चाल
गति::-जार
गदाग्रजः - आउ । क्लीं
गदाधरः- आउ। क्लीं
गदाभृत् - आउ।क्लीं
गदिनी -ङ
गदी-ख
गदीश :- ख
गन्ध: -टात श गन्धर्व-इ
गन्धवती - लाल
गन्धव (वा) ह: - टाय । य गन्धकर्षिणी-ऋ

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