Book Title: Dictionaries Tantrashastra
Author(s): Ramkumar Rai
Publisher: Prachya Prakashan

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Page 153
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra १४४ शब्द अर्थ नन्दिवर्धन :- ए|गासाह नन्दी - इ|उकड | क्लीं नन्दी रूपा - ए नन्दीश: - डान नन्दीश्वरः - एस। ह नन्देशः -घ नपुंसकमन्त्र - नमोऽन्तः नभः - आलू |ख| हनमः । हं नभः प्राणः - ट। यायँ नभःस्वरः - टाय । यँ नभश्चमस: - ऐ । । सा द्रौं नभसम्म | ख | ह | हँ नमस्वान् - टाय । यँ नभोबीजम् - ख | हँ नमुचिसूदनः- दाल नयवान्-न नरः - ट |ढ|थ|धान の नरकजित् - आउ || क्लीं नरकान्तकृत् -ढ नरभैरव-ऊ नरसिंह - आउ। क्ली नरायणः - अ । उावलीं नरूहः-ड नरेश्वरः- ध नरेश्वरप्रियः-ध नर्तकम् - चं नर्तकः - इश्क | च। व । क्लीं नर्तकी - ॐ खीं। ब्रीं । स्त्रीं नलः - गाथ नलिनी - 2 | ठाल www.kobatirth.org afatantrt शब्द नवः- - " (अं) नवदुर्गा - ल नवमी - ल नव्यः - ओ नष्टः-भ ना-द नाकम् - आ|ख| हा नाकनाथ: - इाल 'नाकवापी-ल नाकिनी ल नाकीश:-ल नाक्षरी - ण नागः - ओ ओ । अः । क्रौं नागबीजम् - : (अ:) नागबुद्धा -: (अ:) नागमाता-छ नागरत्नम् - ब्लू नागरी - बाट नागलोकः -थ नागहन्ती-त्र नागिनी-ज नागेश:-ल नाट्यम् नाद: अर्थ द:- ओं (अं) । : (अ:) भाटा | लाहाँं नादका - ई नाददेवः-न नादरूप:-न नाददेवः - भाॐ नादिनी - एन For Private and Personal Use Only Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir शब्द नादी-न नादेश कृतमण्डलः -भ नामस::-हं नाभाव:-ध नाभिगतः- भ नाभिजन्मा-क। क नाभिदेश: - ब नारम्-व । वँ नारकजित् ण नारद:-न नारसिंह:-क्ष नारसिही - ऊाक्ष नारायण :- अ | आ ण । नारायणप्रिया - श्रीं नारायणी - उ काठ नारी-ठ नाशा-भ नाशिनी - औ लक्लीं नासा [ - (अं) | भ नासिका - इ| ऋ निःश्वासकः - ट । य । यँ नित्य. - इ | ओ नित्यक्लिन्ना- आ इ ई । उ नित्यचारी-च नित्यतृप्त:-भ नित्यपुष्टा - ग नित्यमदद्रवा-आ नित्या-लु|काङ।छात नित्यायज नरूपिणी -3

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