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शब्द
अर्थ
नन्दिवर्धन :- ए|गासाह नन्दी - इ|उकड | क्लीं
नन्दी रूपा - ए
नन्दीश: - डान
नन्दीश्वरः - एस। ह
नन्देशः -घ
नपुंसकमन्त्र - नमोऽन्तः
नभः - आलू |ख| हनमः । हं
नभः प्राणः - ट। यायँ
नभःस्वरः - टाय । यँ नभश्चमस: - ऐ । । सा द्रौं नभसम्म | ख | ह | हँ
नमस्वान् - टाय । यँ
नभोबीजम् - ख | हँ नमुचिसूदनः- दाल
नयवान्-न
नरः - ट |ढ|थ|धान
の
नरकजित् - आउ || क्लीं
नरकान्तकृत् -ढ
नरभैरव-ऊ
नरसिंह - आउ। क्ली
नरायणः - अ । उावलीं
नरूहः-ड
नरेश्वरः- ध
नरेश्वरप्रियः-ध
नर्तकम् - चं
नर्तकः - इश्क | च। व । क्लीं
नर्तकी - ॐ खीं। ब्रीं । स्त्रीं
नलः - गाथ नलिनी - 2 | ठाल
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afatantrt
शब्द
नवः- - " (अं) नवदुर्गा - ल
नवमी - ल
नव्यः - ओ
नष्टः-भ
ना-द
नाकम् - आ|ख| हा
नाकनाथ: - इाल
'नाकवापी-ल नाकिनी ल
नाकीश:-ल
नाक्षरी - ण
नागः - ओ ओ । अः । क्रौं
नागबीजम् - : (अ:)
नागबुद्धा -: (अ:)
नागमाता-छ
नागरत्नम् - ब्लू
नागरी - बाट
नागलोकः -थ
नागहन्ती-त्र
नागिनी-ज
नागेश:-ल
नाट्यम्
नाद:
अर्थ
द:- ओं (अं) । : (अ:)
भाटा | लाहाँं
नादका - ई
नाददेवः-न
नादरूप:-न
नाददेवः - भाॐ नादिनी - एन
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शब्द
नादी-न
नादेश कृतमण्डलः -भ
नामस::-हं
नाभाव:-ध
नाभिगतः- भ
नाभिजन्मा-क। क
नाभिदेश: - ब
नारम्-व । वँ
नारकजित् ण
नारद:-न
नारसिंह:-क्ष नारसिही
- ऊाक्ष
नारायण :- अ | आ ण ।
नारायणप्रिया - श्रीं
नारायणी - उ काठ
नारी-ठ
नाशा-भ
नाशिनी - औ
लक्लीं
नासा
[ - (अं) | भ नासिका - इ| ऋ
निःश्वासकः - ट । य । यँ
नित्य. - इ | ओ
नित्यक्लिन्ना- आ इ ई । उ
नित्यचारी-च
नित्यतृप्त:-भ
नित्यपुष्टा - ग नित्यमदद्रवा-आ
नित्या-लु|काङ।छात नित्यायज नरूपिणी
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