________________
हेरी हो जोयुं में जाम ॥ मा॥ हुँ मांही पेठगे हो दीठो ताम ॥ मा॥ एy
माहारी पुंठे हो पेठो ते नाग ॥ मा ॥ ढुं नासंतो हो नवी देखू लाग ॥ मा०॥ || कमंडल मांहीं हो करे बहु केम ॥ मा० ॥ उजावानी हो न करूं जेड ॥ मा ॥ १०॥
काल घणो मुजने हो नासंतां थयो ॥ मा॥ गजवर केडो हो बांडी न गयो ॥ ||माण ॥ उजातां मारी हो बुटी काढमी॥मा॥हस्तीशु तव हो सुंढे धरी हडी ॥मा॥ |॥ ११॥ नागो थश्ने हो नागे हुँ ताम ॥ मा॥रीसे करिवर हो केमे जाम ॥मा ॥
नाबुए नीकली होजो इंजेह ॥मा॥ पुंठेथी हाथी हो नीकले ले तेह ॥ मा॥१२॥ ||नाद बेदी हो नीकल्यो देह ॥मा ॥ पुंबनो केश हो वलग्यो बे तेह ॥ मा० ॥ कोप |
करी में हो दीधी गाल ॥मा॥ मर मर हाथी हो तुं अकाल ॥ मा० ॥१३ पापी जे| ||नर हो पर पीमा करे ॥ मा०॥ गजनी परे हो ते नहीं संचरे॥मा॥अवकाश लहीने हो नागे हुं जाम ॥मा॥ अपर नगर हो दीवं में ताम ॥मा॥१४॥ जिनवर जुवन हो ।
दी में विंग ॥मा॥ मुज मन जपनो हो बहोलो रंग॥मायाजाव करीने हो वांया अरिहंत Nuमा०॥ निराजरण हो नासुर माहंत ॥मा॥१५॥ वांदी करीने होडं बेठगे जाम ॥मा॥
नर नारी नवि देखुं ताम ॥मा॥ शून्य जुवन डे हो जिनवर केरुं मानामे गमे हो