Book Title: Dharmabinduprakaranam
Author(s): Haribhadrasuri, Jambuvijay, Dharmachandvijay, Pundrikvijay
Publisher: Jinshasan Aradhana Trust

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Page 351
________________ सवृत्तिके गोविन्द(साधु) (१४६) १३२ १३१ धर्मबिन्दौ पञ्चम् परिशिष्टम् (४२८) (४२७) (३८४) (३११) १२४ १०९ (३११) (६०) (१०६) विशेषनामानि २७८ गोविन्दवाचक(आचार्य) गौतम(गणधर) चाहुमान(कुल) चौलुक्य(कुल) जितशत्रु(राजा) तगरानगर दशवैकालिकनियुक्ति(ग्रन्थ) धनदेव(वणिक) धर्मबिन्दु(ग्रन्थ) धर्मबिन्दुप्रकरणविवृति(ग्रन्थ) धर्मबिन्दुप्रकरणवृत्ति(ग्रन्थ) धर्मबिन्दुवृत्ति(ग्रन्थ) (१४६) (२४८) (३३०) पूर्णभद्र(वणिक्) प्रियङ्कर(वणिक्) बन्धशतक(ग्रन्थ) बर्बर(कुल) बुद्ध बौद्ध भगवतीसूत्र(ग्रन्थ) भरत(राजा) भवदेव(साधु) मगध(देश) मणिभद्र(वणिक्) मनोरमोद्यान मरुदेवी मुनिचन्द्रसूरि(ग्रन्थकार) ११२ ४२ १३४,१३६ १४३ १३१ ५४,८६,१३९ २,३,१५१ २४ (४२७) (१४६)(४५२) (१४६) ५४ २४ ४९,८५,९९, ११९,१३६,१४६ ५४ धारिणी(राणी) नारद(प्रवादी) निशीथ(ग्रन्थ) २४,४९,८५,९९, (३६०) ११९,१३६,१४६ १२७ (४०३) (२४०) (२९९) मेतार्य(महर्षि) यवन(कुल) १०७ (८३) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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