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देरी हो जोयुं में जाम ॥ मा ॥ हुं मांही पेठो हो दीगे ताम ॥ मा॥ ए माहारी पुंठे हो पेगे ते नाग ॥ मा० ॥ हुं नासंतो हो नवी देखू लाग ॥ मा ॥ कमंडल मांहीं हो करे बहु केममा ॥ उजावानी हो न करूं जेड ॥ माण॥॥ काल घणो मुजने हो नासंतां थयो । मा० ॥ गजवर केडो हो बांडी न गयो । मा० ॥ उजातां मारी हो उटी कामी॥मा॥ हस्तीशुं तव हो सुंढे धरी हडी ॥मा
११॥ नागो थश्ने हो नागे हुँ ताम ॥ मा०॥रीसे करिवर हो केमे जाम ॥मा ॥ नाबुए नीकली होजो बुंजेह॥मा॥ पुंठेथी हाथी हो नीकले ने तेह ॥ माण्॥१२॥ नाबु बेदी हो नीकल्यो देह॥माण ॥ पुंबनो केश हो वलग्यो ने तेह ॥ मा० ॥ कोप करी में हो दीधी गाल ॥ मा॥ मर मर हाथी हो तुं अकाल ॥ मा० ॥१३ पापी जे
नर हो पर पीमा करे ॥ मा०॥ गजनी परे हो ते नहीं संचरे॥मा॥अवकाश लहीने लाहो नागे हुं जाम ॥मा॥ अपर नगर हो दीतुं में ताम मा०॥१॥ जिनवर जुवन हो
दी में चंगमा॥मुजमन उपनो हो बहोलो रंगमा॥ नाव करीने हो वांद्या अरिहंत Nnमा०॥ निराचरण हो नासुर माहंत मा॥१५॥ वांदी करीने होडंबेगे जाम ॥मा॥
नर नारी नवि देखुं ताम ॥मा॥ शून्य जुवन डे हो जिनवर केरुं ॥मा॥ नामे गमे हो|